9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेयर हैरिटेज को सस्पेंड करने के छह दिन बाद भी कुर्सी खाली, कांग्रेस बोर्ड नहीं ले पा रहा कोई फैसला

राज्य सरकार ने भले ही हैरिटेज नगर निगम में महापौर मुनेश गुर्जर का निलम्बन कर दिया हो, लेकिन अब तक कुर्सी पर कार्यवाहक महापौर को ही नहीं बैठा पाई है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Nupur Sharma

Aug 12, 2023

patrika_news_.jpg

जयपुर @ पत्रिका। राज्य सरकार ने भले ही हैरिटेज नगर निगम में महापौर मुनेश गुर्जर का निलम्बन कर दिया हो, लेकिन अब तक कुर्सी पर कार्यवाहक महापौर को ही नहीं बैठा पाई है। छह दिन के बाद राज्य सरकार यह तय नहीं कर पाई है कि किसको कार्यवाहक महापौर बनाया जाए। दरअसल, हैरिटेज नगर निगम सीमा क्षेत्र में कांग्रेस के चार विधायक हैं और इनमें से दो मंत्री हैं। सभी की एक राय न होने से एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। पिछले ढाई साल में चारों विधायक मिलकर समितियां तक तय नहीं कर पाए, जबकि समितियों की मांग को लेकर निर्दलीय पार्षद आठ बार धरना दे चुके हैं।

यह भी पढ़ें : कुमार सानू से मिलने के लिए 1200 किमी साइकिल चलाकर राजस्थान से मुंबई पहुंचा राकेश

सरकार कर सकती है घोषणा
भले ही कांग्रेस के चारों विधायकों में एक नाम को लेकर सहमति नहीं बन पा रही हो, लेकिन सरकार सीधे ही कार्यवाहक महापौर की घोषणा कर सकती है।

भाजपा का बोर्ड, वहां सरकार ने दिखाई तत्परता
● छह जून, 2021 को ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को राज्य सरकार ने निलम्बित कर दिया था। अगले ही दिन भाजपा की पार्षद शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बना दिया। स्वायत्त शासन विभाग ने जो आदेश निकाला उसमें लिखा कि धाभाई अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) से आती हैं। ग्रेटर की वरिष्ठता, अनुभव और राजनीतिक दल के बहुमत को ध्यान में रखते हुए उनको कार्यभार सौंपा जाता है।
● 27 सितम्बर, 2022 को सौम्या गुर्जर की बर्खास्त होने के साथ ही शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर की जिम्मेदारी सरकार ने दे दी थी।

यह भी पढ़ें : Rajasthan Roadways की सेवा हुई और मजबूत, जल्द ही सड़कों पर दौड़ेंगी 590 नई बसें

अनुभव में ये आगे
राबिया गुडएज: निर्दलीय के रूप में चुनाव जीती हैं। इससे पहले वर्ष 1994 और 1999 में वे कांग्रेस से चुनाव जीती थीं। संगठन में भी काम किया है।
सुनीता महावर: तीसरी बार चुनाव जीती हैं। इससे पहले 2004, 2009 में भी वे पार्षद रह चुकी हैं। संगठन का भी काम किया है।

ये पहली बार बनी पार्षद
नसरीन बानो: कार्यवाहक महापौर के लिए लामबंदी चल रही है, लेकिन वे पहली बार ही चुनाव जीती हैं।
रेशमा बेगम कुरैशी: कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ी हैं।

अब सरकार भी चुप
लम्बी लड़ाई के बाद सौम्या गुर्जर ने कोर्ट आदेश के बाद महापौर की कुर्सी संभाली। कार्यभार ग्रहण करने के दो घंटे बाद ही सरकार ने नोटिस दे दिया। हालांकि, इस नोटिस के बाद राज्य सरकार ने ढिलाई दे दी और उसके बाद से वे महापौर की कुर्सी पर हैं।