राजस्थान में रविवार को जो घटनाक्रम हुआ उससे हाईकमान नाराज है। विधायक दल की बैठक में नहीं जाने को कांग्रेस आलाकमान को गम्भीरता से लेते देख गहलोत समर्थकों के तेवर भी कुछ ढीले पड़ गए है। सोमवार को ज्यादातर मंत्री रक्षात्मक नजर आए। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल इन सब से दो कदम आगे निकल गए। उन्होंने पाप का घड़ा केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर आए राज्य के प्रभारी महासचिव अजय माकन पर फोड़ दिया। सोमवार शाम को धारीवाल ने कहा कि माकन प्रभारी होने के बावजूद ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने का मिशन लेकर आए थे जिसने पार्टी को संकट में डाला था।
उन्होंने विधायकों के हवाले से यह बात कही। धारीवाल ने कहा कि विधायकों ने उन्हें आग्रह किया कि उनकी बात सुनी जाए। संसदीय कार्यमंत्री होने के नाते विधायकों को घर बुलाया था। विधायक इस बात से आक्रोशित थे कि जिसने गद्दारी की है उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रचारित किया जा रहा है।
कोई भी विधायक इसे स्वीकार नहीं करेगा। धारीवाल ने कहा कि पांच दशक की राजनीति में कभी पार्टी से अनुशासनहीनता नहीं की है। फिर भी पार्टी यदि उन्हें नोटिस देती है तो वे उसका माकूली जवाब दे देंगे। रविवार के घटनाक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जलदाय मंत्री महेश जोशी और खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरिवास ने भी सोमवार को बयान देकर डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया।