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राजस्थान में कांग्रेस कौनसी एक सीट पर फंसी और क्यों…? 25 में से 24 प्रत्याशी उतारे मैदान में

Loksabha Election : राजस्थान में कांग्रेस 25 लोकसभा सीटों में से 22 सीट पर उम्मीदवार दिए है। वहीं 2 सीट इंडिया गठबंधन के तहत छोड़ रखी है। कांग्रेस इस लोकसभा सीट पर फंसती नजर आ रही है।

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Loksabha Election : राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गरमाहट लगातार बढ़ रही है। कांग्रेस ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 22 सीट पर उम्मीदवार दिए है। वहीं 2 सीट इंडिया गठबंधन के तहत छोड़ रखी है। कांग्रेस डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर फंसती नजर आ रही है। इस सीट पर भाजपा ने महेंद्रजीत मालवीया को प्रत्याशी बनाया है। जबकि भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने वर्तमान विधायक राजकुमार रोत को चुनावी मैदान में उतारा है।

पूर्व में माना जा रहा था कि कांग्रेस भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन कर सकती है। लेकिन भारतीय आदिवासी पार्टी ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात में उम्मीदवार खड़े कर दिए है। साथ ही कांग्रेस नेताओं ने भी गठबंधन का विरोध किया है। ऐसे में कांग्रेस गठबंधन नहीं करेगी। अब देखना होगा कि क्या कांग्रेस डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से अकेले जंग लड़ेगी?

आदिवासी अंचल में वोट बैंक माने जाने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीया हाल ही भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने उनको बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाने का फैसला लिया है। भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि मालवीया का मेवाड़ और वागड़ की करीब 18 विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। जिसके चलते मेवाड़-वागड़ क्षेत्र की लोकसभा क्षेत्र में इसका सीधा-सीधा फायदा मिल सकता है। मालवीया वर्तमान विधायक है और वह इससे पहले कांग्रेस की ओर से सांसद रह चुके है।

राजकुमार रोत की चोरासी विधानसभा सीट वर्तमान विधायक है। भारतीय आदिवासी पार्टी ने उन्हें डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है। बता दें कि राजकुमार विधानसभा चुनाव 2023 में सर्वाधिक वोटों से जितने वाले दूसरे विधायक है। इनको 1 लाख 11 हजार से ज्यादा वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के सुशील कटारा को मात्र 41,984 वोट ही मिल पाए। जबकि बागीदौरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले मालवीय को लगभग 1 लाख वोट मिले थे।

डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर कुल वोटर- लगभग 20.50 लाख हैं और जातिगत समीकरण के लिहाज से देखें तो आदिवासी- 74 से 76%, ओबीसी 10%, मुस्लिम 1.5% , एससी 3.5% और सामान्य 5 से 7% वोटर हैं।

2019- कनकमल कटारा (भाजपा)
2014- मानशंकर निनामा (भाजपा)
2009- ताराचंद भगोरा (कांग्रेस)
2004- धनसिंह रावत (भाजपा)
1999- ताराचंद भगोरा (कांग्रेस)
1998- महेंद्रजीतसिंह मालवीया (कांग्रेस)
1996- ताराचंद भगोरा(कांग्रेस)
1991- प्रभुलाल रावत, (कांग्रेस)
1989- हीरा भाई(जनता दल)
1984- प्रभुलाल रावत(कांग्रेस)
1980- भीखा भाई(कांग्रेस )
1977- हीरा भाई(भारतीय लोक दल)
1971- हीरालाल(कांग्रेस)
1967- हिरजी(कांग्रेस)
1962- रतन लाल(कांग्रेस)
1957- भोगजी भाई (कांग्रेस)
1952- भीखा भाई(कांग्रेस)




• बीकानेर - गोविंद राम मेघवाल

• अलवर - ललित यादव

• भरतपुर - संजना जाटव

• जोधपुर - करण सिंह उचियारड़ा

• जालोर - वैभव गहलोत

• चितौड़गढ़ - उदयलाल आंजना

• उदयपुर - ताराचंद मीणा

• चुरू - राहुल कस्वां

• श्री गंगानगर - कुलदीप इंदौरा

• झुंझुनूं - बृजेंद्र ओला

• जयपुर ग्रामीण - अनिल चोपड़ा

• जयपुर शहर - प्रताप सिंह खाचरियावास

• टोंक - हरीश मीणा

• अजमेर - रामचरण चौधरी

• राजसमंद - सुदर्शन रावत

• सीकर - अमराराम

• नागौर - RLP हनुमान बेनीवाल

• भीलवाड़ा - दामोदर गुर्जर

• दौसा - मुरारी लाल मीणा

• कोटा - प्रहलाद गुंजल

• बाड़मेर - उम्मेदा राम बेनीवाल

• पाली - संगीता बेनीवाल

• धौलपुर-करौली - भजनलाल जाटव

• बांसवाड़ा - ?

• झालावाड़ - उर्मिला जैन भाया

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