इधर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने भी मुख्यमंत्री के भाजपा नेताओं पर दी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया आई है। डॉ किरोड़ी ने कहा है कि सेंस की कमी तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी में है, जो संवेदनशील घटनाओं पर राजनीतिक पर्यटन करते हैं। उन्होंने कहा कि कोई बड़ी घटना होने पर विपक्ष के नेताओं का वहां जाना स्वाभाविक है लेकिन इसका उद्देश्य कोरी राजनीति करना नहीं होनी चाहिए।
सत्ता आने के बाद भूल गए वादे!
सांसद डॉ. मीणा ने कहा कि राहुल गांधी वर्ष 2016 में डेल्टा मेघवाल के परिजनों से मिलने बाड़मेर आए थे और न्याय की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने का भरोसा दिया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस इस परिवार को भूल गई। नियमानुसार इस परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता मिलनी चाहिए थी, लेकिन अभी मात्र 90 हजार रुपए की राशि ही उन्हें मिली है। डेल्टा के पिता ने बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर और अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर मुकदमा लड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक पर्यटन के खिलाफ रही है और हमेशा रहेगी।
.. इसलिए की ‘मूर्ख’ की टिप्पणी
दरअसल, हनुमानगढ़ ज़िले में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या के बाद से भाजपा नेता गहलोत सरकार पर हमलावर हो गए थे। भाजपा नेताओं ने बयान जारी करते हुए इस मामले को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी की घटना से जोड़ते हुए सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। भाजपा नेताओं का कहना था कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में तो खासा सक्रीय रहते हैं, पर राजस्थान में बिगड़ी क़ानून व्यवस्था की सुध नहीं लेते।
लगातार हो रही इस बयानबाज़ी पर मुख्यमंत्री ने चुप्पी तोड़ते हुए भाजपा नेताओं पर पलटवार किया। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ की तुलना यूपी के लखीमपुर खीरी से करना सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं को मूर्ख सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री के दावेदार नेता इतने ***** हैं कि घटना की असलियत पता करे बिना ही बयानबाजी पर उतारू हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रियंका और राहुल गांधी को राजस्थान आने के बजाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं को आने की नसीहत दी।
‘निकम्मे’ पर भी गरमाई थी सियासत
मुख्यमंत्री गहलोत के पूर्व में अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट पर की गई ‘निकम्मे’ की टिप्पणी पर भी सियासत गरमा गई थी। मुख्यमंत्री का ये बयान काफी सुर्ख़ियों में भी रहा था। हालांकि इस टिप्पणी पर पायलट ने सीधे तौर पर किसी तरह की प्रतिक्रिया या पलटवार नहीं किया था, लेकिन पायलट खेमे के नेताओं ने ज़रूर मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति उठाई थी।