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कोरोना से पीडि़त रहे लोगों को आसानी से चपेट में ले रहा आई फ्लू, राजस्थान में बढ़े मामले

Eye Flu: कोरोना का दंश झेल चुके लोगों को आई फ्लू आसानी से निशाना बना रहा है। उनको इस फ्लू से निजात पाने में भी सामान्य मरीज की तुलना में ज्यादा वक्त लग रहा है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Aug 04, 2023

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जयपुर/पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क। Eye Flu: कोरोना का दंश झेल चुके लोगों को आई फ्लू आसानी से निशाना बना रहा है। उनको इस फ्लू से निजात पाने में भी सामान्य मरीज की तुलना में ज्यादा वक्त लग रहा है। अस्पतालों में पहुंच रहे आई फ्लू संक्रमितों से बातचीत करने पर इस बात की पुष्टि हो रही है। दूसरी ओर, जल्दी ठीक होने के चक्कर में कई मरीज आंखों में स्टेरॉयड युक्त दवा डाल रहे हैं। जिससे उनके कॉर्निया में फंगल इंफेक्शन भी मिल रहा है। सवाई मानसिंह अस्पताल के चरक भवन में नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में इन दिनों ऐसे मामले देखे जा रहे हैं। नेत्र रोग चिकित्सकों को कहना है कि कोरोना की चपेट में बड़ी संख्या में लोग आए थे। उस समय इलाज में स्टेरॉयड का बहुत ज्यादा इस्तेमाल हुआ। उसकी वजह से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट गई और वे अब आई फ्लू की चपेट में आ रहे हैं।

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बच्चों में सिर दर्द, चिड़चिड़ेपन की शिकायत
नेत्र रोग विशेषज्ञों ने बताया कि आई फ्लू से ग्रस्त बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। उनमें सिरदर्द, बुखार जैसे कई लक्षण भी देखे जा रहे हैं। परिजन को सावधानी बरतने की जरूरत है।

स्टेरॉयड का इस्तेमाल वजह
कुछ मरीज स्टेरॉयड युक्त आईड्रॉप आंखों में डाल रहे हैं, जो नुकसानदायक साबित हो रही है। इस वजह से कुछ मरीजों में कॉर्निया में फंगल इंफेक्शन हो रहा है। इससे कॉर्निया सफेद हो रहा है। जिससे धुंधला दिखाई देने की समस्या हो रही है। इंफेक्शन बढऩे पर कॉर्निया ट्रांसप्लांट करवाना भी पड़ सकता है।-डॉ. पंकज शर्मा, विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, एसएमएस अस्पताल

चिकित्सक बोले... चिंता की बात नहीं
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकुर मिढ्ढा ने बताया कि आई फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है। आंखों में जलन, सूजन, खुजली, बार-बार पानी आना, लाल होना या चुभन महसूस होनेे जैसी कई दिक्कत हो सकती हैं, आंखों की रोशनी गायब होने जैसा नुकसान नहीं है।

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कई लोग आई फ्लू से ठीक होने के लिए एलोपैथिक के अलावा आयुर्वेद का भी सहारा ले रहे हैं। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के अस्पताल में रोजाना 30 से 40 संक्रमित आ रहे हैं। उन्हें संक्रमण वसूजन को दूर करने के लिए सितोपलादी चूर्ण, गुडुची घनवटी के अलावा जरूरत के अनुसार कई अन्य औषधियां भी दी जा रही है। साथ ही उनकी त्रिफला क्वाथ थैरेपी से उनकी आंखों की सफाई भी की जा रही हैं। जिससे मरीज को आई फ्लू से चार से पांच दिन में ही छुटकारा मिल रहा है। -शमसा फैयाज, विभागाध्यक्ष, नेत्ररोग विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान