
जयपुर . गरीबों के लिए आंवटित कंट्रोल के कपडे को फर्जी दस्तावेजों से भारत सरकार की टैक्सटाईल मीलों से प्राप्त कर कालाबाजारी करने के मामले में जयपुर जिले की सीजेएम कोर्ट ने आरोपित व्यवसायी पवन कुमार अग्रवाल एक साल की सश्रम जेल एवं 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।
इस मामले में आरोपित पवन कुमार के भाई रामवतार अग्रवाल एवं एक अन्य चरण सहगल की ट्रायल के दौरान मौत होने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्यवाही पहले ही ड्रॉप कर दी थी। कोर्ट ने पवन को आवश्यक वस्तु एक्ट 1955 की धाराओं में दोषी मानते हुए 1-1 साल की जेल व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
राजस्थान के तत्कालीन डिप्टी फूड कमिश्नर जेपी विमल की शिकायत पर सीबीआई ने 30 दिसम्बर 1988 को मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई के अनुसार राज्यों को कन्ट्रोंल कपडा आवंटन के लिए टैक्सटाईल कमिश्नर भारत सरकार द्बारा अधिकृत मीलों से कपडा उठाया जाता था। इस कपडे के व्यापार की किसी को अनुमति नहीं थी। अभियुक्तगण ने कमिश्नर के स्टाफ से मिलीभगत कर कन्ट्रोंल कपडे की 208 गांठें सीधे ही एनटीसी मीलों से उठा कर दिल्ली बेच दिया था।
नाबालिग का अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपित बरी
ट्रांसपोर्ट नगर थाना इलाके से 8 जनवरी 2014 को एक नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में लचर अनुसंधान के आधार पर पोक्सो मामलों की विशेष अदालत ने आरोपित समेत 7 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने आदेश की प्रतियां गृह सचिव और डीजीपी को भेजते हुए दोषी अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा कोर्ट को अवगत कराने के आदेश दिए हैं। जयपुर से 8 जनवरी को गायब नाबालिग 7 फरवरी 2014 को अहमदाबाद-गुजरात से बरामद हुई थी।
Published on:
14 Oct 2017 07:59 pm
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