
सीएम गहलोत का ध्येय 'मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी' की तर्ज पर 'मेरा राज्य-मेरी जिम्मेदारी' नहीं है ?— पूनियां
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीसरी लहर में बच्चों को नहीं बचाने के बयान पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है। पूनियां ने ट्वीट कर कहा कि ''हम बच्चों को बचा नहीं पाएंगे'' यह कहकर मुख्यमंत्री ना केवल अपने गैर जिम्मेदार होने का प्रमाण दे रहे हैं, बल्कि प्रदेश में एक पैनिक क्रिएट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, 'मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी' कहकर सिर्फ गांववालों पर ही जिम्मेदारी डालकर पल्ला नहीं झाड़ सकते। क्या स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिये मुखिया के नाते उनकी 'मेरा राज्य-मेरी जिम्मेदारी' नहीं है ? क्या राज्य के सीएचसी-पीएचसी की व्यवस्थाओं को चिकित्सा संसाधनों के साथ मजबूत करना, गांवों में टेस्टिंग व दवाइयां पहुंचाना, चिरंजीवी योजना को निजी अस्पतालों में धरातल पर लागू करना, ये सब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है ?
सीएम गहलोत का ध्येय कोरोना से नहीं केंद्र सरकार को युद्ध का है—राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मुख्य ध्येय कोरोना की जगह केन्द्र सरकार के विरुद्ध युद्ध का है। 130 करोड़ की विशाल आबादी के देश के टीकाकरण का वृहद कार्य चुनौतीपूर्ण है। संविधान के संघीय ढांचे के अनुसार ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में राज्य को केन्द्र के साथ सहभागी होना चाहिए। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 18 से 45 वर्ष की आयु के निशुल्क वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी लेते हुए ग्लोबल टेंडर की भी घोषणा कर दी, लेकिन वैक्सीन कब मिलेगी उसकी तिथि की घोषणा अब तक नहीं की। वहीं राज्य में वैक्सीन के 11.5 लाख डोज की खराबी व वैक्सीन चोरी पर भी मुख्यमंत्री मौन हैं। मुख्यमंत्री की किचन कैबिनेट की टीम प्रतिदिन केन्द्र सरकार के विरुद्ध बयान तैयार करने की बजाय राजस्थान में लचर कोरोना प्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए सलाह दे तो उचित होगा।
Published on:
26 May 2021 07:26 pm
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