
जयपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के पालीघाट में जल्द ही एक बड़ा कदम उठाया जाने वाला है, जिससे घड़ियाल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। राज्य सरकार ने घड़ियालों की संख्या को देखते हुए यहां घड़ियाल रियरिंग सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। इस सेंटर में घड़ियाल के अंडों को सुरक्षित रखकर पाला जाएगा और फिर उन्हें वापस नदी में छोड़ा जाएगा। लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन घड़ियालों की टैगिंग की जाएगी, ताकि उनकी जीवितता पर नज़र रखी जा सके। क्या यह पहल राजस्थान में वन्यजीव संरक्षण के लिए नया अध्याय साबित होगी?
वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि घडिय़ाल संरक्षण की दृष्टि से प्रदेश के पालीघाट, सवाई माधोपुर में घडिय़ाल रियरिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र में घडिय़ाल के अण्डों को नदी के आसपास के क्षेत्रों से उठाकर इन्क्यूबेशन पिट में रख कर उनका पालन किया जाएगा तथा उसके बाद उन्हें नदी में छोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि नदी में छोडऩे से पूर्व इन घडिय़ालों की टैगिंग की जाएगी, ताकि इनकी जीवितता की प्रभावी मॉनिटरिंग की जा सके।
वन राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से रणथम्भौर में गेस्ट हाउस संचालित करने के संबंध में परीक्षण करवा कर वित्तीय उपलब्धता के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले विधायक जितेंद्र कुमार गोठवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में वन राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा के बिंदु संख्या 129 के सब बिंदु 2 के अनुसार घडिय़ाल संरक्षण की दृष्टि से सवाई माधोपुर में पालीघाट के निकट घडिय़ाल रियरिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। आगामी वित्तीय 2025 -26 में घोषणा के अनुरूप में कार्य करवाया जाएगा।
Published on:
06 Mar 2025 06:37 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
