
अशोक गहलोत
दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट परिसर स्थित विशेष न्यायालय ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आपराधिक मानहानि मामले में एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट न्यायालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने की छूट 14 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। गहलोत की ओर से कहा कि एसओजी रिकॉर्ड के अनुसार संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घाेटाला मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम लिया, इसलिए उनके खिलाफ मानहानि का मामला नहीं बनता।
उधर, शेखावत की ओर से केस डायरी में छेडछाड़ का आरोप लगाया गया।विशेष न्यायालय (सीबीआई) ने गहलोत की रिवीजन याचिका पर शनिवार को सुनवाई की। करीब 2 घंटा 45 मिनट चली सुनवाई में रिवीजन याचिका पर गहलोत की बहस पूरी हो गई है और शेखावत की ओर से बहस की जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस बापना ने कहा कि मानहानि परिवाद में गहलोत के खिलाफ मानहानि के तत्व ही मौजूद नहीं है और मजिस्ट्रेट न्यायालय ने सीधे ही साक्ष्य लेने की कार्रवाई शुरू कर दी।
प्रार्थी ने बतौर गृह मंत्री एसओजी रिपोर्ट के आधार पर बयान दिया और मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल से मंजूरी भी नहीं ली गई। रिवीजन याचिका में मजिस्ट्रेट न्यायालय की ओर से जारी समन को रद्द कर ट्रायल पर रोक लगा्ने का आग्रह किया। वहीं गजेन्द्र सिंह की ओर से कहा कि एसओजी की केस डायरी में छेडछाड की गई। शेखावत की ओर से मानहानि परिवाद में कहा कि उनका नाम एफआईआर व चार्जशीट में नहीं है। इसके बावजूद गहलोत ने उनके खिलाफ बयानवाजी की, इसलिए मानहानि का मामला बनता है। इस मामले में 25 मई को दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।
Updated on:
16 Sept 2023 04:11 pm
Published on:
16 Sept 2023 04:04 pm
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