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यूनिवर्सिटी की बहानेबाजी, छात्रों के सपनों पर पड़ रही भारी, दीक्षांत समारोह के इंतजार में अटक रही डिग्री

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अपने अधिनियम 2018 और 2022 के तहत स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि किसी भी छात्र की डिग्री परीक्षा परिणाम जारी होने के 180 दिन के भीतर प्रदान करनी होगी।

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Rajasthan University Result 2025

फोटो: पत्रिका

Rajasthan University Degree Delay Issue: राजस्थान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी करने के बाद भी छात्र डिग्री पाने के लिए महीनों और कभी-कभी वर्षों तक इंतजार करने को मजबूर हैं। डिग्री वितरण में लापरवाही अब छात्रों के करियर पर सीधा असर डाल रही है। यूजीसी के नियमों के बावजूद समय पर डिग्री न मिलने के कारण छात्र नौकरी या उच्च शिक्षा के दौरान कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अपने अधिनियम 2018 और 2022 के तहत स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि किसी भी छात्र की डिग्री परीक्षा परिणाम जारी होने के 180 दिन के भीतर प्रदान करनी होगी। इसके बावजूद राजस्थान यूनिवर्सिटी में यह नियम लागू नहीं किया जा रहा है। अधिकांश छात्रों को दीक्षांत समारोह तक डिग्री के लिए इंतजार करना पड़ता है, जो समय पर आयोजित भी नहीं होता।

दीक्षांत समारोह के नाम पर देरी

यूनिवर्सिटी प्रशासन इस देरी का हवाला राज्यपाल से दीक्षांत समारोह की तारीख तय न होने को देता है। चूंकि राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं, दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता वही करते हैं। जब तक समारोह की अनुमति नहीं मिलती, डिग्री जारी नहीं की जाती।

प्रोविजनल डिग्री पर भरोसा नहीं

समय पर डिग्री न मिलने की स्थिति में विश्वविद्यालय छात्रों को प्रोविजनल डिग्री जारी करता है। लेकिन कई शैक्षणिक संस्थान और सरकारी भर्तियों में प्रोविजनल डिग्री को मान्यता नहीं दी जाती। इसके कारण कई छात्रों के दाखिले रुक जाते हैं या वे नौकरी के अवसर खो देते हैं। छात्र भव्य माथुर ने बताया, ‘2024 में पढ़ाई पूरी हो गई, लेकिन डिग्री अभी तक नहीं मिली। यूनिवर्सिटी ने दीक्षांत समारोह का इंतजार करने के लिए कहा है।’

डिग्री की जरूरत होने पर छात्रों को प्रोविजनल डिग्री जारी कर दी जाती है। यदि कोई संस्थान इसे स्वीकार नहीं करता, तो छात्रों को अंग्रेजी वर्जन दी जाती है। दीक्षांत समारोह से पहले सभी डिग्रियों का अनुमोदन सिंडिकेट में होता है, उसके बाद डिग्री प्रिंट होती है।

राकेश राव, परीक्षा नियंत्रक

यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया कि डिग्री 180 दिनों में दी जानी चाहिए। बावजूद इसके कई छात्र डिग्री के लिए भटकते हैं और उन्हें दीक्षांत समारोह का हवाला देकर टरका दिया जाता है।

शुभम रेवाड़, छात्र नेता