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राजस्थान में अटका परिसीमन-पुनर्गठन, 305 शहरी निकाय चुनाव और शहरों में एक निगम का काम! जानें क्यों?

राजस्थान के वार्डों के परिसीमन-पुनर्गठन, निकायों की सीमाओं में बदलाव करने, नए निकाय-वार्ड गठन और खत्म करने का काम अभी भी अटका हुआ है।

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jhabar singh kharra

यूडीएच मिनिस्टर झाबर सिंह खर्रा

राजस्थान के 305 शहरी निकायों में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया तय करने के लिए बनी मंत्रिमंडलीय उपसमिति दो माह बाद भी काम शुरू नहीं कर पाई है। इस उपसमिति को वार्डों के परिसीमन-पुनर्गठन, निकायों की सीमाओं में बदलाव करने, नए निकाय-वार्ड गठन और खत्म करने का आकलन करना था। खास यह है कि वार्डों की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव आ चुके हैं, लेकिन उपसमिति की एक भी मीटिंग नहीं हुई।

जयपुर, जोधपुर, कोटा निगमों को एक करने का भी करना है काम…

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम बनाए गए। कमेटी इसकी उपयोगिता की भी समीक्षा करेगी। हालांकि यह तय है कि इन तीनों शहरों में अब एक-एक ही निगम होंगे। यूडीएच मंत्री खर्रा कई बार इन तीनों शहरों में एक-एक नगर निगम ही रखने की बात कह चुके हैं।

जल्द ही मंत्रिमंडल उपसमिति की होगी मीटिंग- मंत्री खर्रा

इस मामले को लेकर स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा का कहना है कि निकायों की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव आ गए हैं और जल्द ही मंत्रिमंडल उपसमिति की मीटिंग होगी। एक राज एक चुनाव के तहत सभी निकायों चुनाव कराने की तरफ बढ़ रहे हैं।

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इन मुद्दों पर होना है मंथन

-शहरी निकायों का पुनर्गठन करने के लिए खाका तैयार करना।

-आमजन, विधायक, कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेना।

-ऐसे इलाके जो नगर पालिका, नगर परिषद या शहरी निकाय बनने के मापदंडों को पूरा नहीं करते उनमें छूट देने के लिए भी कमेटी अधिकृत।

-राजनीतिक आधार पर वार्डों के फेरबदल को लेकर भी स्थानीय मांग के हिसाब से फैसला ले सकेंगे।