
Dhritimana Yog , Dhriti Yog , Ghriti Yog , Shul yog in kundli
जयपुर. ज्योतिष में जन्म समय के योग जातक के व्यवहार—विशेषता, गुण—अवगुणों के बारे में बहुत कुछ जानकारी दे देते हैं। 28 सितंबर 2020 को सायं 07 बजकर 14 मिनट तक घृतिमान योग रहेगा। इसके बाद शूल योग प्रारंभ हो जाएगा। आप भी जानिए इन योगों में जन्म लेनेवाले बच्चे आखिर कैसे होंगे!
धृति या घृतिमान योग
इस योग के स्वामी शनिदेव हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार ऐसे जातक जन्म के बाद ही सर्दी आदि से परेशान रहते हैं। उम्र के दूसरे भाग में दूसरों की सेवा करने के बाद ही आजीविका मिल पाती है। इनका जीवनसाथी बहुत क्रोधी होता है. जातक की माता की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद होती है। धृति योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अंदर ही अंदर बेचैन और परेशान रहता है,पर धैर्यवान बना रहता है। ये विपरीत यौन संबंधों के प्रति झुकाव रखते हैं। कुशल निर्णय लेने की क्षमता रहती है, घूमने की बहुत इच्छा होती है। कभी—कभी एक दौरा सा पडता है और जातक कामकाज छोडकर बैठ जाता है। अक्सर झूठ बोलते हैं, नीच की संगति करते हैं, जातक को काला रंग पसंद होता है। किराए आदि के छोटे से मकान में ही रहते हैं।
शूल योग
शूल योग के स्वामी राहु देव हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार इन जातकों को भरोसेमंद और भाग्यशाली माना जा सकता है। भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ ही ये लोग आध्यात्मिक ज्ञान भी प्राप्त करना चाहते हैं। समाज सेवा भी करते हैं। शरीर दुबला—पतला पर माथा चौडा होता है। बचपन में जातक के घर में क्लेश बना रहता है। जातक को ऊंचे स्थान से कूदने, पेडों पर चढने जैसे रोमांच के काम करने का शौक रहता है पर इससे चोट की आशंका भी रहती है। ऐसे जातक जब नाक या कान सहलाए तो समझ जाना चाहिए कि ये झूठी बात सोच या बोल रहे हैं। जातक के प्रति प्राय: लोग आशंकित ही रहते हैं. किसी को भी इसके उठाए जानेवाले कदमों की जरा भी भनक नहीं लगती।
Published on:
28 Sept 2020 08:59 am
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