दीया बोली एक बार पिता के साथ आई थी यहां
इस दौरान दीया ने कहा, एक बार पिता के साथ यहां आई थी। उसके बाद वर्षों से नहीं आई। आज यहां आकर अच्छा लगा, लोगों से मिलने-जुडऩे का अवसर मिला। अब मुझे यहीं जुड़ाव कायम रखना है।
इस दौरान दीया ने कहा, एक बार पिता के साथ यहां आई थी। उसके बाद वर्षों से नहीं आई। आज यहां आकर अच्छा लगा, लोगों से मिलने-जुडऩे का अवसर मिला। अब मुझे यहीं जुड़ाव कायम रखना है।
पूर्व राजकुमारी 30 जनवरी 1971 को जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की पुत्री हैं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली और महारानी गायत्री देवी गल्र्स पब्लिक स्कूल, जयपुर में हुई। इसके बाद में सजावटी कला पाठ्यक्रम के लिए वे लंदन चली गयी।
इकलोती सन्तान होने के नाते, राजकुमारी दीया व्यक्तिगत रूप से अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी की देखरेख में पली बढ़ी। वो विरासत की संरक्षक और अस्तित्वमय जयपुर के शाही परिवार की कला और संस्कृति को बनाए रखने के लिए एक कार्य कर रही हैं। अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी के कदमों का अनुसरण करते हुए, राजकुमारी दिया कुमारी ने भी अन्तत: राजनीति में प्रवेश कर लिया। उन्होंने 10 सितम्बर 2013 को, जयपुर में एक रैली के दौरान, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन भाजपाध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह और वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।