19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Diwali 2022 : ट्रेन में पटाखे लेकर ना करें सफर, जाना पड़ सकता है जेल

दीपावली का त्योहार नजदीक है। ऐसे में बहुत से लोग अपने सामान के साथ अपने—अपने घर पहुंचेंगे। ऐसे में कई लोग ट्रेनों में पटाखे लेकर भी सफर करते हैं।

2 min read
Google source verification
ट्रेन में पटाखे लेकर ना करें सफर, जाना पड़ सकता है जेल

ट्रेन में पटाखे लेकर ना करें सफर, जाना पड़ सकता है जेल

जयपुर। दीपावली का त्योहार नजदीक है। ऐसे में बहुत से लोग अपने सामान के साथ अपने—अपने घर पहुंचेंगे। ऐसे में कई लोग ट्रेनों में पटाखे लेकर भी सफर करते हैं। लेकिन, यह करना उन्हें भारी पड़ सकता है। जी हां, भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक ट्रेन में पटाखे या कोई भी ज्वलनशील सामान लेकर सफर करने की मनाही है। ऐसे में यदि पटाखे या कोई भी अन्य ज्वलनशील सामान लेकर ट्रेन में सफर किया गया तो यात्री को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। साथ ही जुर्माना भी देना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें: Lakshmi Puja: ...तो सूरज उगने के ढाई घंटे पहले उठाना होगा लक्ष्मीजी का पाटा


ये है प्रावधान

यदि रेल में पटाखे, गैस, पेट्रोल या अन्य कोई भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर कोई यात्री सफर करता है तो यह दंडनीय अपराध है। रेलवे एक्ट, 1989 की धारा 164 और 165 में इसके संबंध में कड़े प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई यात्री ऐसा करता है तो उसे 3 साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही एक हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सामान जब्त करने के भी प्रावधान हैं।

यह भी पढ़ें: Eclipse on diwali : इस बार दिवाली पर टूटेगी 150 साल की परंपरा, नहीं होगी गोवर्धन पूजा

हो सकती है बड़ी दुर्घटना
दरअसल, दिवाली के आसपास ट्रेन में पटाखे लेकर जाने पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पटाखे यदि गलती से भी चिंगारी के संपर्क में आ जाएं तो चलती ट्रेन में दुर्घटना हो सकती हैं। इसलिए रेलवे ने स्पष्ट रूप से पटाखों के परिवहन पर रोक लगा रखी है।

इनका कहना है:

रेल में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर सफर करना दंडनीय अपराध है। पटाखे भी उनमें शामिल है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे ना खुद पटाखे लेकर जाएं और यदि कोई सहयात्री पटाखे या ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाता है तो इसकी सूचना तत्काल रेलवे प्रशासन को दें।

कैप्टन शशिकिरण, सीपीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे