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डाक्टरों का कमाल, जयपुर में एक मरीज में एक साथ दो लीवर का हुआ सफल ट्रांसप्लांट, पूरा मामला करेगा हैरान

Good News : खुशखबर। एक व्यक्ति में सिर्फ एक लिवर होता है। पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में कमाल हुआ। जयपुर में प्रदेश का पहला डुअल लोब लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है। जिस व्यक्ति में यह डुअल लोब लिवर ट्रांसप्लांट किया गया उसका वजन 126 किलो है। इस तरह से देश में यह पहला मामला है जब 126 किलो के रोगी का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। जानें पूरा मामला।

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Livers Transplant in Jaipur

Livers Transplant in Jaipur : खुशखबर। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की टीम ने एक कमाल का काम किया है। डाक्टरों ने 126 किलो वजनी व्यक्ति में एक साथ एक नहीं 2 लिवर प्रत्यारोपित किए। इस प्रकार जयपुर में प्रदेश का पहला डुअल लोब लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है। 126 किलो के मरीज का एक साथ 2 लिवर ट्रांसप्लांट करना देश में यह पहला मामला है। करीब 30 ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों ने मिलकर 16 घंटे तक ऑपरेशन किया और सफलता हासिल की। वैसे तो एक व्यक्ति में सिर्फ एक लिवर होता है। पर इस मरीज का लीवर बड़ा था इसलिए उसका काम एक लिवर से नहीं चल सकता था इसलिए दो लिवर डोनर का सहारा लिया गया। अंत में सफलता हासिल हुई।



महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉक्टर नमिष एन मेहता ने बताया मरीज इंद्रपाल (50 वर्ष) का वजन 126 किलो है। उन्हें पीलिया, पेट में पानी भरने, सूजन, खून की कमी जैसे कई लक्षण थे। खाने-पीने में भी परेशानी हो रही थी। ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट करना ही एकमात्र उपाय था। ऐसे में मरीज के वजन के अनुपात में इतने बड़े आकार का लीवर मिलना मुश्किल था। तो मरीज को दो व्यक्तियों के लिवर ट्रांसप्लांट किए गए हैं, जिसमें उनकी पत्नी से 520 ग्राम का लीवर और मरीज की भाभी से 220 ग्राम वजन का लीवर लिया गया। मरीज को करीब 15 यूनिट खून चढ़ाया गया। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है।

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डॉक्टर नमिष एन मेहता ने बताया कि ऐसा जटिल ऑपरेशन देश के सिर्फ दो या तीन चुनिंदा प्रत्यारोपण केंद्रों पर ही संभव है। डोनर्स को एक सप्ताह और रोगी को 20 दिनों की गहन चिकित्सा के बाद स्वस्थ कर घर भेज दिया गया है।



विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ विकास चंद्र स्वर्णकार ने बताया डॉ नमिष मेहता अब तक 1500 से अधिक सफल लिवर प्रत्यारोपण कर चुके हैं। उनका साथ 2 अन्य सर्जन डॉ आनंद नागर, डॉ विनय महला, लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ करण कुमार, डॉ वी ए सारस्वत, ट्रांसप्लांट एनेस्थेटिस्ट डॉ गणेश निम्झे, डॉ आनंद जैन, डॉ गौरव गोयल की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही।

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