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सतीश पूनिया ने आखिर क्यों लिखा, न रुकने देती है, न थकने देती है, बेहिसाब है…

पूनिया ने लिखा, कितना आसमाँ माँगे ज़िंदगी, कितना अरमान पाले है ज़िंदगी, कितनी उम्मीदों में है ज़िंदगी

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सतीश पूनिया ने आखिर क्यों लिखा, न रुकने देती है, न थकने देती है, बेहिसाब है...

सतीश पूनिया ने आखिर क्यों लिखा, न रुकने देती है, न थकने देती है, बेहिसाब है...

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। पूनिया अपने ट्विटर हैंडल पर इसका अपडेट दे रहे हैं। हाल ही उन्होंने एक वीडियो शेयर किया था और ट्वीट किया था ,कोई भाषा सीखने का रास्ता भी भोजन से जाता है। इसमें वे केले के पत्ते पर दक्षिण भारतीय व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते दिखे। इतना ही नहीं कर्नाटक में कई जगहों पर जनसम्पर्क करते हुए वे नजर आए। अब उन्होंने कुछ लाइन अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की हैं, जिनके अपने मायने निकले जा रहे हैं।

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पूनिया ने लिखा, कितना आसमाँ माँगे ज़िंदगी, कितना अरमान पाले है ज़िंदगी, कितनी उम्मीदों में है ज़िंदगी। न रुकने देती है। न थकने देती है, बेहिसाब है ज़िंदगी जो भी है कभी कहीं, खूबसूरत भी तो है ज़िंदगी। सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ की जा रही है। लोग कमेंट में एक्सीलेंट लिख रहे हैं। इससे पहले पूनिया गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनावों में भी प्रचार कर चुके हैं।

पूनिया ने यह भी कह चुके हैं जब तक कर्नाटक के इस चुनाव में कांग्रेस को हराकर घर वापस नहीं भेज देंगे, तब तक कर्नाटक की जनता और बीजेपी कार्यकर्ता चैन की नींद नहीं सोएंगे। प्रचंड बहुमत की भाजपा की डबल इंजन सरकार बनाएंगे।