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वेश्यावृत्ति से जुड़ी साइट्स पर अपना मोबाइल नम्बर छोड़ देती थी प्रिया सेठ, रकम लेती और भाग जाती

प्रिया सेठ ग्राहकों से होटल के कमरे में न मिलकर लॉबी या रिसेप्शन में मिलती। ग्राहक से बात करके यह पता लगाती कि वह कितना खर्च कर सकता है।

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priya seth jaipur

जयपुर। जयपुर के दुष्यंत शर्मा मर्डर केस की मास्टरमाइंड प्रिया सेठ है। प्रिया सेठ ने प्रेमी दीक्षांत का कर्जा चुकाने के लिए दुष्यंत काे अपने जाल में फंसाकर अपहरण के बाद मार डाला। दीक्षांत मुंबई के एक संभ्रात परिवार से है। कुछ अरसे पहले ही वह शातिर आरोपी प्रिया सेठ के संपर्क में आया था।

पति-पत्नी का स्वांग करते हुए इन दोनों ने करीब डेढ़ माह पहले ईडन गार्डन अनिता कॉलोनी में एक लग्जरी फ्लैट लिया था। इसी फ्लैट में प्रिया ने मृतक दुष्यंत को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेलिंग का खेल रचा।

गुरुवार सुबह करीब दस बजे साथियों के साथ मिलकर पहले चाकू से ताबड़तोड़ वार किए और फिर बिजली के तार से गला घोंटकर दुष्यंत की हत्या कर दी। इसके बाद लाश को एक सूटकेस में डालकर उसकी कार से ही उसे उसे आमेर थाना इलाके में फेंककर वापस आ गए।

कई अपराध कर चुकी युवती
गिरफ्तार युवती प्रिया सेठ पूर्व में थाना मानसरोवर में एटीएम तोडऩे के प्रयास, श्याम नगर से पीटा एक्ट, वैशाली नगर में ब्लैकमेलिंग के अपराध में गिरफ्तार हो चुकी है। जबकि दूसरे आरोपी दीक्षांत कामरा का भी मुंबई में किसी पंकज नाम के अपराधी के गिरोह से संपर्क होना सामने आया है।

छह साल से गंदा धंधा कर रही थी
लाेगाें काे अपने जाल में फंसाने के लिए प्रिया सेठ ने वेबसाइट बना रखी थी। वह अपने सुंदरता के जाल में फंसा लोगों से मोटी रकम ऐंठती थी। पिछले छह साल से गंदा धंधा कर रही थी।

मानसरोवर स्थित निजी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उसने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सेवाएं (वेश्यावृत्ति) का कारोबार शुरू कर दिया था। पुलिस पूछताछ में खुद अपना कच्चा चिट्ठा खोलने वाली युवती का कहना है कि वह मूलत: फालना (पाली ) की रहने वाली है। फिलहाल वह सी ब्लॉक में किराए से रहती है।

40-55 साल तक के लोग होते थे राडार पर
जानकारों के अनुसार उसने स्वीकार किया कि वह अपना नेटवर्क पूरी तरह शहर में ही रखती थी। वेश्यावृत्ति से जुड़ी साइट्स पर अपना मोबाइल नम्बर छोड़ देती थी। कॉल उन्हीं ग्राहकों के लेती जो शहर में रहते हों। साथ ही उसकी राडार पर 40-55 साल तक के लोग होते थे।

प्रयास यही करती कि एक दिन में तीन-चार ग्राहकों से बात कर सके या उनसे मिल सके। उनसे पूरी तरह जानकारी जुटा मिलने की बात तय करती। उसने बताया कि धंधे के लिए वह एप की भी मदद लेती थी।

प्रत्येक ग्राहक से 20 हजार से 25 हजार तक वसूलती
पुलिस के मुताबिक अक्सर वह ग्राहकों से होटल के कमरे में न मिलकर लॉबी या रिसेप्शन में मिलती। ग्राहक से बात करके यह पता लगाती कि वह कितना खर्च कर सकता है। उसके बाद सौदा तय करती। जैसे ही रकम मिलती वो कहती कि यह रकम कार में रखकर आ रही है।

आप यहीं इतंजार करो। लेकिन फिर नहीं लौटती। उधर ग्राहक शर्म के कारण ठगी की शिकायत भी नहीं करता। ज्यादातर लोगों को सेवाएं देने के नाम पर उसने यूं ठगा था। वह प्रत्येक ग्राहक से 20 हजार से 25 हजार तक वसूलती थी।

केवल सार्वजनिक स्थानों पर मिलती
पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह हर ग्राहक से मिलने का वादा जरूर करती, लेकिन प्रयास यही रहता कि वह किसी सार्वजनिक स्थान पर ही मिले। चाहे वह भीड़भाड़ वाला बाजार हो या गली। यदा-कदा वह पार्क में भी ग्राहकों को बुलाकर फंसाती थी। उसने जवाहर सर्किल स्थित एक होटल में पांच-सात वारदात करना स्वीकार किया है। इतना सब होने के बावजूद युवती यह मानने को तैयार नहीं कि उसने कुछ गलत किया है। उसका कहना है कि गलत प्रवृत्ति के लोग ही उसको एप्रोच करते हैं। उन जैसे लोगों से ठगी करके वह कुछ भी गलत नहीं कर रही है।