
education department does not know what school facilities
जयपुर। प्रदेशभर के स्कूलों में क्या—क्या सुविधाएं हैं और क्या कमी है इसका शिक्षा विभाग और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को ही पता नहीं है। हालात ये हैं कि संस्था प्रधान बार—बार मांगने पर भी परिषद को इसका जवाब नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में शाला दर्पण पर नवीन इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडयूल में जानकारी देनी है। विभाग के बार—बार स्मरण पत्र जारी करने के बाद भी इस पोर्टल पर स्कूलों की जानकारी नहीं मिल रही है। संस्था प्रधानों ने इस पोर्टल के मॉडयूल में डेटा एंट्री ही नहीं की है। परिषद ने भी कार्य की प्रगति न्यून मानी है। जबकि इसी पोर्टल के आधार पर 18 जुलाई से विधानसभा के प्रश्नों आदि के लिए आंकड़े इसी मॉडयूल के माध्यम से लिए जाने हैं।
मॉडयूल से ही लिए जाएंगे आंकड़े
इस मॉडयूल के माध्यम से ही स्कूलों की जिला रैंकिंग तय होगी, विभाग की योजनाओं का पता चल सकेगा और विधानसभा सत्र में प्रश्नों आदि के आंकड़े भी 18 जुलाई से इसी मॉडयूल से लिए जाने प्रस्तावित हैं।
अधिकारियों ने भी माना कार्य प्रगति न्यून
परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सभी संस्था प्रधानों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द पोर्टल पर सभी जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि डेटा एंट्री की कार्य प्रगति न्यून है। उन्होंने बताया कि प्रपत्र ए से पी तक सभी जानकारी देना जरूरी है।
ये है स्थिति
प्रदेश के 14 हजार 375 स्कूलों की पोर्टल पर जानकारी देनी है। इसमें जयपुर जिले के भी 872 स्कूल शामिल हैं।
सूचना नहीं देने वाले विद्यालयों का प्रतिशत
— विद्यालय परिसर भवन व उपलब्ध भूमि की सूचना 17.1 प्रतिशत स्कूलों ने नहीं दी।
— विद्यालय परिसर में चारदीवारी की स्थिति की सूचना 24.3 प्रतिशत स्कूलों ने नहीं दी।
— खेल मैदान की सूचना 25.4 प्रतिशत ने नहीं दी।
— कक्षा कक्षों की सूचना 35.1 प्रतिशत ने नहीं दी।
— कक्षा में फर्नीचर की सुविधा 33.5 प्रतिशत ने नहीं दी।
— शौचालय सुविधा 32.4 प्रतिशत ने नहीं दी।
— पेयजल सुविधा की जानकारी 30.3 प्रतिशत ने नहीं दी।
— बिजली की स्थिति की जानकारी 27.1 प्रतिशत ने नहीं दी।
— मिड—डे—मील की सुविधा की जानकारी 32.4 प्रतिशत स्कूलों ने नहीं दी।
— इंटरनेट सुविधा की जानकारी 26.9 प्रतिशत स्कूलों ने नहीं दी।
— पुस्तकालय की जानकारी 35 प्रतिशत स्कूलों ने नहीं दी है।
Published on:
13 Jul 2018 12:04 pm
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