
कोटपूतली-बहरोड़. राजस्थान सरकार ने माटी कला को आधुनिक स्वरूप देने और परंपरागत कारीगरों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इसके तहत 1000 विद्युत चालित चाक और मिट्टी गूंथने की मशीनें नि:शुल्क वितरित की जाएंगी। यह योजना माटी कला कामगारों को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक प्रयास है। इसके लिए जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से आवेदन मांगे जा रहे हैं। माटी कला कार्य से जुड़े विशेष योग्यजन, अविवाहित, तलाकशुदा एकल महिला के समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। श्रीयादे माटी कला बोर्ड की ओर से निर्धारित समय में ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों में से 1000 मशीनों के लिए पात्र आवेदकों का जिलेवार व संभागवार प्राथमिकता एवं श्रेणीनुसार लॉटरी से चयन किया जाएगा।
दिव्यांगों, महिलाओं सहित इन्हें प्राथमिकता
इस योजना के तहत विशेष रूप से दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता और अविवाहित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, पांच या अधिक सदस्यों वाले समूहों को भी इस योजना में प्राथमिकता मिलेगी। यह सुनिश्चित किया गया है कि लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रणाली से किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है। इच्छुक आवेदक एसएसओ आईडी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में जन आधार कार्ड, राशन कार्ड, माटी कला प्रमाण पत्र, दिव्यांग प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ेगी।
प्रशिक्षण के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम
चयनित लाभार्थियों को 10 दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें माटी कला की आधुनिक तकनीकों और कौशल का विकास किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही मशीनें जिला व संभाग स्तर पर लाभार्थियों को वितरित की जाएंगी।
रोजगार और बाजार के अवसर
यह योजना न केवल परंपरागत माटी कला को संरक्षित करेगी बल्कि इसे नए बाजारों तक पहुंचाने का रास्ता भी खोलेगी। कोटपूतली-बहरोड़ और आसपास के क्षेत्रों के माटी कला कामगार जो पहले हाथ से काम करते थे, अब आधुनिक मशीनों की मदद से अधिक गुणवत्ता और मात्रा में उत्पाद तैयार कर सकेंगे। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उन्हें देशभर में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।
आवेदन की जानकारी और अंतिम तिथि
योजना की पूरी जानकारी और आवेदन के लिए विभाग की वेबसाइट पर जाएं। आवेदन की अंतिम तिथि 3 जनवरी 2025 है। इससे पहले समय पर आवेदन कर इस महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा बनें।
सरकार की यह योजना माटी कला को संरक्षित करने के साथ-साथ इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोडऩे का एक महत्वपूर्ण कदम है।
Updated on:
27 Dec 2024 01:42 pm
Published on:
27 Dec 2024 01:39 pm
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