
जयपुर।
16 नवम्बर 2017 से एक निर्णय करके 82 एलओआई अनशंषा पत्र धारको को बजरी खनन पर ये कहते हुए कि जब तक वैज्ञानिक रिपेसमेंट स्टडी नहीं होती और पर्यावरण की मंजूरी नहीं मिलती तब तक खनन पर रोक लगा दी गई है।
इस कारण से मांग व आपूर्ति में अन्तर आया है। इससे निर्माण कार्य पर असर पड़ा है। यह बात बुधवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई में खान राज्य मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने कही।
टीटी ने कहा कि एक महिने में उच्च मुख्य सचिव के माध्यम से एक एफेडेविड मंगवाया है। उसका जवाब बनाया जा रहा है। इस समय जो परस्थिति है जो रिपेसमेंट स्टडी है इसके अन्दर इनपुट और आउटपुट उसको करने के लिए नदियों मेें बरसात का सीजन आने से पहले गड्ढों को नापा जाता है।
सीजन निकलने के बाद कितने गड्ढे बरसात में भरे हैं उनको नापा जाता है। इसको करने में सात-आठ महीने लग जाते हैं। कोल इडिय़ा कम्पनी के साथ स्टडी चल रही है। आगामी पांच दिसम्बर तक सारी स्टडी आ जाएगी।
इसके बाद बंद की गई एलओआई को पर्यावरण मंजूरी मिल जाएगी। तब तक बजरी के भाव ने बढ़े इसको लेकर मांग के हिसाब से आपूर्ति व अन्य विकल्पों पर कार्य किया जा रहा है। अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
बीकानेर व नागौर व अन्य जिलों से आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। टीटी ने कहा कि गायों को लेकर लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। गौ-शालाओं के माध्यम से आवारा गायों व सांडो को कंट्रोल करने का कार्य किया जा रहा है।
प्रदेश में नदियों के पानी मिलने को लेकर टीटी ने बताया कि राज्य को पानी राज्य सरकारों के बीच हुए समझौते से ज्यादा ही मिल रहा है। रिफाइनरी को लेकर टीटी ने बताया कि दिसम्बर माह में रिफाइनरी का शिलान्यास किया जा सकता है। इसको लेकर प्रधानमंत्री से समय मांगा जा रहा है।
Updated on:
22 Nov 2017 05:39 pm
Published on:
22 Nov 2017 05:23 pm
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