
आवेश तिवारी / जयपुर . हथियारों के फर्जी लाइसेंस के गिरोह के तार कश्मीर से होते हुए अब गुजरात तक पहुंच गए हैं। जम्मू पुलिस के सूत्रों का कहना है कि गुजरात पुलिस ने राज्य के गृह विभाग के अधिकारियों से सैकड़ों की संख्या में बनाए गए फर्जी लाइसेंस के सम्बन्ध में पूछताछ की है। गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस ने इसी वर्ष मई में ऑपरेशन जुबैदा शुरू किया था, जिसके तहत तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई थी।
आतंक प्रभावित जिलों से जारी किए गए लाइसेंस की जांच शुरू
जानकारी के अनुसार जम्मू गृह विभाग अपने उन अधिकारियों और कर्मचारियों के हस्ताक्षर के नमूने ले चुका है जिनकी मांग राजस्थान एटीएस द्वारा की गई थी। इसके द्वारा सभी जिलों से हथियारों के लाइसेंस के नवीनीकरण के आवेदकों की सूची भी जिलाधिकारियों के माध्यम से इकट्ठा कर जम्मू गृह विभाग को सौंप दी गई है। जो राजस्थान एटीएस को सौंपी जाएगी। जिन जिलों से यह लाइसेंस जारी किए गए उनमें से जम्मू को छोड़कर सभी आतंक प्रभावित हैं।
यूपी और मध्य प्रदेश भी गिरोह की जद में
इस पूरे मामले में जम्मू कश्मीर के बारामुला, जम्मू, कुपवाड़ा, कठुआ का नाम सामने आ रहा है जहां से सर्वाधिक लाइसेंस निर्गत किए गए हैं। अकेले कुपवाड़ा से 50 हजार लाइसेंस निर्गत किए गए हैं। जम्मू में बने फर्जी लाइसेंसों की संख्या 10 लाख से भी ज्यादा हो सकती है।
कलक्टर और गृह विभाग की बना दी गई फर्जी मुहर
सुरक्षा एजेंसियों के लिए सर्वाधिक चौकाने वाली बात यह है कि जम्मू कश्मीर के गृह विभाग द्वारा अकेले जम्मू में 22 बंदूक की दुकानों की डीलरशिप दे दी गई। जबकि जनसंख्या के हिसाब से यहां दो लोगों को डीलरशिप दिए जाने की जरुरत थी । गिरोह ने जिलाधिकारियों और जम्मू गृह विभाग की फर्जी मुहर बनवा ली थी। सेना के अधिकारियों कर्मचारियों के नाम पर फर्जी लाइसेंस बनवाने की बात एटीएस पहले ही कह चुकी है ।
Published on:
24 Sept 2017 09:31 pm
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