
Solar Energy: जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन की मंजूरी दी है। इस निर्णय के तहत अब पीएम-कुसुम योजना के तहत स्थापित विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से जुड़े 33/11 केवी सब-स्टेशन क्षेत्रों में किसानों को अलग से प्राथमिकता के आधार पर तुरंत कृषि कनेक्शन जारी किए जा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के तीनों विद्युत वितरण निगमों ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री के इस फैसले से अब ऐसे सौर संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुसार 33/11 केवी फीडरों पर आवेदकों को अलग से मांग पत्र जारी होंगे और मांग पत्र जमा होते ही तुरंत प्राथमिकता से कनेक्शन दिए जाएंगे। इससे लंबे समय से लंबित कृषि कनेक्शन सूची में उल्लेखनीय कमी आएगी।
फिलहाल राज्य में 78 हजार 498 कृषि कनेक्शन लंबित हैं जिनके डिमांड नोट पहले ही जमा हो चुके हैं, वहीं 2 लाख़ 27 हजार 913 नए आवेदन भी प्राप्त हुए हैं। मौजूदा नीति के अनुसार सामान्य श्रेणी के आवेदकों को 22 फरवरी 2022 तक की कट ऑफ डेट के अनुसार ही कनेक्शन मिल रहे थे, लेकिन अब नई व्यवस्था से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रदेश में पीएम-कुसुम योजना के तहत कम्पोनेंट-ए और कम्पोनेंट-सी के अंतर्गत तेजी से कार्य हुआ है। अभी तक 1543 मेगावाट क्षमता के 776 विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 1420 मेगावाट क्षमता के संयंत्र पिछले डेढ़ वर्ष में ही लगाए गए हैं। इन संयंत्रों से पहले से ही 1 लाख से अधिक कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय बिजली उपलब्ध हो रही है।
यह निर्णय किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा, क्योंकि इससे दिन में सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली का उपयोग खेती के लिए हो सकेगा और बड़ी संख्या में किसानों को समय पर कनेक्शन उपलब्ध होंगे। इससे न केवल किसानों की प्रतीक्षा सूची घटेगी, बल्कि प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ेगा।
Updated on:
28 Aug 2025 04:56 pm
Published on:
28 Aug 2025 04:47 pm
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