7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Government Job Scam: फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र वालों पर शिकंजा, मेडिकल जांच से दूर भागे अभ्यर्थी, अब जा सकती है सरकारी नौकरी

RPSC Action Against Fraud: आरएएस भर्ती-2023 संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों पर आयोग की बड़ी कार्रवाई। निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की ओर कदम, आरपीएससी ने शुरू किया गहन सत्यापन।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

Aug 27, 2025

saharanpur News

प्रतीकात्मक फोटो ( स्रोत AI )

Fake Disability: जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस भर्ती परीक्षा-2023 के साक्षात्कार चरण में संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों को लेकर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्रों के सहारे आरक्षण का लाभ उठाने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए आयोग ने इस बार पहली बार दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य मेडिकल जांच का प्रावधान किया है। इस निर्णय का उद्देश्य वास्तविक पात्र अभ्यर्थियों के अधिकारों की रक्षा करना और भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखना है।
आयोग के अनुसार मेडिकल जांच की प्रक्रिया शुरू होते ही कई संदिग्ध अभ्यर्थियों ने मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होने से दूरी बना ली है। कुछ अभ्यर्थी तो निर्धारित तिथि पर मेडिकल जांच के लिए पहुंचे ही नहीं। इससे आयोग की आशंकाओं को बल मिला है कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थी फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्रों का उपयोग कर रहे थे।

गौरतलब है कि आयोग को कई अभ्यर्थियों से प्रार्थना-पत्र भी प्राप्त हुए हैं, जिनमें उन्होंने अपनी श्रेणी को दिव्यांग से सामान्य अथवा अन्य श्रेणी में बदलने का अनुरोध किया है। जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि इनमें से कई उम्मीदवार पहले से ही सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक, पटवारी और अन्य पदों पर नियुक्त इन अभ्यर्थियों की पिछली नियुक्तियां भी दिव्यांग कोटे के तहत हुई थीं।

इस प्रकार ये अभ्यर्थी बार-बार आरक्षण का दुरुपयोग कर रहे थे।
आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित प्रशासनिक विभागों को भी पत्र लिखा है, जिसमें ऐसे अभ्यर्थियों की दिव्यांगता की दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

आरपीएससी अध्यक्ष उत्कल रंजन साहू ने कहा कि यह कदम भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को मजबूत करेगा। उनका मानना है कि इससे न केवल फर्जी अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसेगा बल्कि वास्तविक दिव्यांग अभ्यर्थियों को उनका वाजिब अधिकार भी मिलेगा।

आयोग सचिव ने स्पष्ट किया है कि फर्जी प्रमाण-पत्रों के इस्तेमाल से पात्र दिव्यांग अभ्यर्थियों के अवसर छिनते हैं, इसलिए अब सतही दस्तावेजी जांच की बजाय गहन सत्यापन किया जा रहा है। जो अभ्यर्थी आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर मेडिकल जांच में शामिल नहीं होंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। ऐसी कार्रवाई में न केवल उनकी आरएएस भर्ती-2023 की अभ्यर्थिता रद्द की जाएगी बल्कि उन्हें भविष्य की सरकारी भर्तियों से भी बाहर किया जा सकता है।