
Food Storage Capacity: जयपुर। राजस्थान में किसानों की सबसे बड़ी समस्या अन्न भण्डारण की कमी को दूर करने की दिशा में राज्य सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में बड़े पैमाने पर गोदामों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे किसानों की उपज सुरक्षित रहे और अनाज की बर्बादी पर रोक लगे।
राज्य सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में "सहकार से समृद्धि" कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार की विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना को तेजी से लागू किया है। इसके तहत उत्पादन की तुलना में अपेक्षाकृत कम भण्डारण क्षमता वाले जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार ने वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा में 500 मीट्रिक टन क्षमता के 100 गोदाम और 100 मीट्रिक टन क्षमता के 50 जीर्ण-शीर्ण गोदामों के निर्माण के लिए 31 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। वहीं 2025-26 में 500 मीट्रिक टन क्षमता के 100, 250 मीट्रिक टन क्षमता के 50 और 100 मीट्रिक टन क्षमता के 100 जीर्ण-शीर्ण गोदामों के लिए 45 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
योजना के अंतर्गत कुल 1 लाख 61 हजार 500 मीट्रिक टन अतिरिक्त भण्डारण क्षमता सृजित करने का लक्ष्य है। अब तक 36 गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिनमें से 24 का लोकार्पण केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा किया गया। वहीं, अनेक नए गोदामों की स्वीकृति भी जारी हो चुकी है।
नए भण्डारण से किसानों को अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने की मजबूरी से मुक्ति मिलेगी। ग्राम सेवा सहकारी समितियों को पर्याप्त भण्डारण उपलब्ध होने से अनाज की ढुलाई पर खर्च भी कम होगा। साथ ही, गोदामों को किराए पर देने से समितियों की आय बढ़ेगी। सरकार की यह पहल किसानों के लिए वरदान साबित होगी और अन्नदाता की चिन्ताओं को दूर करने में मील का पत्थर बनेगी।
Updated on:
21 Aug 2025 10:53 am
Published on:
21 Aug 2025 10:52 am
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