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सीएम के गृह जिले में सर्वाधिक 6 सरपंच निर्विरोध चुने, प्रदेश में 5388 उम्मीदवार बचे मैदान में

— कुल 13 सीटों पर बिना चुनौती चुनाव, 3474 ने वापस ली उम्मीदवारी  

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जयपुर. प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण में सियासी दंगल की तस्वीर अब साफ हो गई है। नामांकन वापसी की तारीख निकलने के बाद अब 1002 सीटों पर कुल 5388 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। यानि हर सीट पर औसतन 5 उम्मीदवारों के बीच सरपंची की जंग होगी।

छह जिलों की 13 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां सरपंच का पर्चा दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के सामने कोई चुनौती नहीं बची। इन सीटों पर निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए हैं। इन ग्राम पंचायतों में सर्वाधिक छह ग्राम पंचायतें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर की हैं। ऐसे ही 4468 वार्ड पंच भी निर्विरोध चुने गए हैं।
पहले चरण के लिए 19 सितंबर को हुई नामांकन प्रक्रिया में 9042 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे। छंटनी के बाद इनमें से 8875 वैध नामांकन मिले। नाम वापसी की प्रकिया में इनमें से 3474 ने अपने नामांकन वापस ले लिए।
नाम वापसी के बाद अंतिम तौर पर अब दौसा जिले की महुआ पंचायत समिति की 42 सीटों पर सर्वाधिक 426 उम्मीदवार मैदान में है, जबकि जोधपुर की चामू और सेखला पंचायत समितियों की एक एक—एक ग्राम पंचायत में हो रहे चुनाव में सबसे कम सिर्फ 2—2 प्रत्याशियों के बीच आमने—सामने का मुकाबला है।

यहां निर्विरोध चुने गए सरपंच

जिन 13 स्थानों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है, उनमें बाड़मेर के सेढवा की 3 ग्राम पंचायतें, जोधपुर में मंडोर पंचायत समिति की 2 तथा लोहावट, बावरी, डेचू और केरू पंचायत समितियों की एक—एक ग्राम पंचायत शामिल है। इसी प्रकार धौलपुर में बाड़ी पंचायत समिति की एक, श्रीगंगानगर में अनूपगढ़ की एक, जैसलमेर में भनियाना की एक और हनुमानगढ़ में संगरिया की एक ग्राम पंचायत में भी निर्विरोध सरपंच चुना गया है।

वार्ड पंच के 4571 प्रत्याशी भी बैठे

चुनाव आयुक्त पी.एस.मेहरा ने बताया कि 9688 वार्ड पंच के चुनाव के लिए भी अब 11890 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। इस चुनाव के लिए 4571 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं।