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राजस्थान विधानसभा में बदल गई भूमिका, अब सत्ता पक्ष में बैठेगी भाजपा, नहीं दिखेंगे कई दिग्गज चेहरे

Rajasthan assembly session : राजस्थान में नई विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है और इसमें नवनिर्वाचित सदस्यों काे शपथ दिलाई जाएगी। नई विधानसभा में कांग्रेस-भाजपा की भूमिका बदल गई है।

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Rajasthan assembly session : राजस्थान में नई विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है और इसमें नवनिर्वाचित सदस्यों काे शपथ दिलाई जाएगी। नई विधानसभा में कांग्रेस-भाजपा की भूमिका बदल गई है। पिछले पांच साल तक सत्ता में बैठी कांग्रेस अब विपक्ष और भाजपा सत्तापक्ष में बैठेगी। राजस्थान में पिछले 30 साल से हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परंपरा बरकरार है।

राठौड़, पूनिया सहित कई चेहरे नहीं दिखेंगे
भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस बार नहीं दिखेंगे। इनमें प्रतिपक्ष के नेता रहे राजेन्द्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष रहे सतीश पूनिया इस बार सदन में नहीं होंगे। राठौड़ तारानगर सीट से विधानसभा चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के नरेन्द्र बुढानिया ने हराया। राठौड़ सात बार से लगातार विधायक बनते आ रहे थे। इसी तरह साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने सतीश पूनिया आमेर सीट से कांग्रेस के प्रशांत शर्मा से मात खा गए।



कटारिया बन गए राज्यपाल
विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया गया था। वे उस वक्त विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे। कटारिया गहलोत सरकार के खिलाफ सदन में आक्रामक तरीके से आवाज उठाते थे। कटारिया भाजपा की सरकारों में मंत्री भी रहे हैं और उनके पास महत्वपूर्ण विभाग भी रह चुके हैं।

स्पीकर भी हार गए चुनाव
विधानसभा स्पीकर रहे सी.पी. जोशी और कैलाश मेघवाल भी चुनाव हार गए। जोशी नाथद्वारा और मेघवाल भीलवाड़ा की शाहपुरा सीट से चुनाव हारे हैं। मेघवाल इस बार निर्दलीय ही मैदान में उतरे थे। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी.डी. कल्ला, रघु शर्मा, महेश जोशी भी सदन में नहीं दिखेंगे। ये तीनों मंत्री भी रह चुके थे। इसमें कल्ला और शर्मा तो चुनाव हारे, जबकि जोशी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था।

गहलोत सहित धारीवाल और डोटासरा मौजूद

कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा सदन में रहेंगे। गहलोत लगातार छठीं बार व डोटासरा चाैथी बार विधायक बने हैं। साथ ही हरीश चौधरी भी फिर से विधायक बने हैं। ऐसे में सदन में कांग्रेस की बागडोर इनके कंधों पर ही रहेगी।


किरोड़ी-बेनीवाल का कम बैक
सांसद से विधायक बने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और हनुमान बेनीवाल की एक बार फिर से राजस्थान विधानसभा में वापसी हुई है। मीणा इस बार भाजपा के टिकट पर जीत कर आए हैं, वहीं बेनीवाल अपनी खुद की पार्टी रालोपा से जीतकर विधायक बने हैं। साथ ही पूर्व सांसद राज्यवर्धन राठौड़, दिया कुमारी और बाबा बालकनाथ भी विधायक बने हैं। इनमें राठौड़ और बालकनाथ पहली बार विधायक बने हैं।

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71 नए विधायक बैठेंगे सदन में
राजस्थान विधानसभा में इस बार 35 फीसदी नए चेहरे नजर आएंगे। 199 सीट पर हुए चुनाव में 71 प्रत्याशी ऐसे जीतकर आए हैं जो पहली बार सदन में बैठेंगे। इनमें भाजपा के 45, कांग्रेस के 19, पांच निर्दलीय और दो विधायक भारतीय आदिवासी पार्टी से है। इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं।

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