30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

food Security Scheme: राजस्थान में खाद्य विभाग के अफसरों की कार्यशैली फिर सवालों के घेरे में, जानें क्यों

food Security Scheme: खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्रों का नाम हटाने के लिए चलाए जा रहे गिवअप अभियान में खाद्य विभाग के अफसरों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।

2 min read
Google source verification
Food Security Scheme

जयपुर। खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्रों का नाम हटाने के लिए चलाए जा रहे गिवअप अभियान में खाद्य विभाग के अफसरों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। विभाग के अधिकारी वर्ष 2012 से अब तक करीब 1500 करोड़ रुपए का गेहूं ले चुके अपात्रों से वसूली को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

वहीं योजना के पात्र लाभार्थियों से शपथ पत्र मांगा जा रहा है। इसमें लिखा है कि अगर जांच में वे अपात्र पाए गए तो 27 रुपए किलो के हिसाब से उनसे वसूली की जाए। ऐसे में पात्र लाभार्थियों में खलबली मची हुई है। वे शपथ पत्र लेकर इसे भरवाने के लिए भटक रहे हैं।

केंद्र सरकार के अपात्रों से वसूली के निर्देश

विभाग के अफसर गिवअप अभियान के तहत 20 लाख अपात्रों के नाम हटाने की वाहवाही लूट रहे हैं, लेकिन ये अपात्र वर्ष 2012 से अब तक गेहूं के बाजार भाव के हिसाब से 1500 करोड़ का गेहूं उठा चुके हैं। इस बड़ी रकम की वसूली को लेकर सरकार और विभाग दोनों चुप हैं। जबकि केंद्र सरकार बार-बार विभाग को कह रही है कि अपात्रों से वसूली की जाए।

खाद्य सुरक्षा योजना

4.36 करोड़ लाभार्थी प्रदेश में
27 हजार राशन की दुकानें प्रदेश में
20 लाख अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाने का दावा राज्य में
27 लाख 37 हजार 477 लाभार्थी हैं जयपुर जिले में

जवाहर नगर: लाभार्थी पूछ रहे कैसे भरें शपथ पत्र

पत्रिका संवाददाता शनिवार सुबह जवाहर नगर में एक राशन की दुकान पर पहुंचा। वहां लाभार्थियों की कतार लगी हुई थी। कुछ महिला लाभार्थियों के हाथ में शपथ पत्र था। डीलर उनको बार-बार एक ही बात कह रहा था कि शपथ पत्र भर कर दो। इस पर कुछ महिला लाभार्थियों ने कहा कि उन्हें सिर्फ अक्षर ज्ञान है, आप इसे भर दो। डीलर ने कहा कि मुझे सबको गेहूं देना है और इसे कल किसी से भरवा कर ले आना। वहीं कई महिला लाभार्थी थककर दुकान के पास ही बैठ गईं।

यह भी पढ़ें: आज नीट-यूजी परीक्षा देने जा रहे हैं तो जरूर पढ़ ले ये खबर, अभ्यर्थी क्या साथ ले जा सकते हैं और क्या नहीं?

कई बार हो चुकी जांच

एक महिला लाभार्थी ने कहा कि हम 10 साल से राशन का गेहूं ले रहे हैं और कई बार जांच हो चुकी है। पात्र होने पर ही हमें गेहूं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब हम शपथ पत्र क्यों दें, जबकि अपात्र तो अब भी राशन का गेहूं उठा रहे हैं। वहीं एक बुजुर्ग लाभार्थी ने कहा कि इस शपथ पत्र को किससे भरवाएं। इसे भरवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।


यह भी पढ़ें

राजस्थान में फिर फंसा नर्सरी में चयनित बच्चों के प्रवेश पर पेंच