जन्माष्टमी के अवसर पर देश-विदेश से लोग शहर के आराध्य माने जाने वाले गोविंद देव जी के दर्शन के लिए आते हैं। इस जन्माष्टमी खास बात यह रही कि बड़ों के साथ युवा भक्तों की संख्या भी काफी रही। कुछ तो ऐसे युवा भी थे जो दूसरे शहरों से केवल गोविंद देव के दर्शन के लिए जयपुर आये थे।
जयपुर•Sep 09, 2023 / 12:42 pm•
Shaily Sharma
जयपुर। जन्माष्टमी के अवसर पर देश-विदेश से लोग शहर के आराध्य माने जाने वाले गोविंद देव जी के दर्शन के लिए आते हैं। इस जन्माष्टमी खास बात यह रही कि बड़ों के साथ युवा भक्तों की संख्या भी काफी रही। कुछ तो ऐसे युवा भी थे जो दूसरे शहरों से केवल गोविंद देव के दर्शन के लिए जयपुर आये थे। युवाओं का मानना है कि स्थायी सुख मंदिर आकर ही मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि भक्ति -भाव से जुड़ना बेहद जरुरी है, ताकि मन को शांति मिल सके। तनाव कम हो और नकारत्मकता से दूरी बनी रहे। पत्रिका टीम ने कुछ युवा और विदेशी पर्यटकों से बातचीत कर जाना कि उनकी अध्यात्म के बारे में क्या सोच है।
दूसरों के सामने तकलीफ रखने से बेहतर है भगवान के सामने रखो
कंवर नगर निवासी दिव्या बेरवानी को पहले पूजा पाठ का इतना शौक नहीं था, लेकिन जब उन्होंने नियमित मंदिर आना शुरू किया तो अध्यात्म की तरफ झुकाव बढ़ा। उनका मानना है कि मंदिर में बजने वाली धुन से कष्ट और दुख कम होते हैं। नकारात्मकता की जगह सकारात्मकता का भाव उत्पन्न होता है। वे यह भी मानती हैं कि दूसरों के सामने तकलीफ रखते हैं तो मजाक बनाते हैं, लेकिन भगवान हमेशा रास्ता दिखाता है। इसलिए अपने दुख भगवान के सामने रखें।
अजमेर से जयपुर आए जन्माष्टमी देखने, कोरोना के बाद अध्यात्म से जुड़ाव बढ़ा
राहुल सांखला ने बताया कि वे खासतौर पर जन्माष्टमी के लिए अजमेर से आए हैं। कोरोना के बाद से उनका अध्यात्म से जुड़ाव बढ़ा। भक्ति के साथ उन्होंने ध्यान करना भी शुरू किया। उनका मानना है कि भक्ति और ध्यान की मदद से अब उनका क्रोध पहले से काफी कम हो गया है। काम पर वे ज्यादा बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। अपनी व्यस्त जीवन चर्या में से वे मंदिर आने के लिए जरूर समय निकालते हैं।
Hindi News/ Jaipur / जन्माष्टमी पर गोविंद देव जी दर्शन करने आए विदेशी पर्यटकों को भाया गुलाबी नगरी, बोले-‘सुकून मंदिर में ही मिलता है’