
मोहन और फतह को एमपी में ढूंढेगा वन विभाग
इधर, रणथम्भौर में इन बाघों ने जमाया डेरा
आखिरी बार बाघ टी-47 को पीलूदेह में देखा गया था। वर्तमान में टी-47 के विचरण क्षेत्र में टी-66, टी-97 व बाघिन टी-54 ने डेरा जमा लिया है। ये दोनों बाघ-बाघिन के साथ इसी क्षेत्र में लगातार विचरण कर रहे हैं। इसी प्रकार फलौदी रेंज व जोन दस में विचरण करने वाले बाघ टी-42 यानी फतेह के इलाके में बाघ टी-34 यानी कुंभा, टी-108 व टी-58 ने डेरा जमा लिया है। यह बाघ आखिरी बार फलौदी रेंज के भैरूपुरा वन क्षेत्र में नजर आया था।
यों पार करते हैं चंबल
वनाधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर की फलौदी रेंज के डांगरवाड़ा इलाके के पास चंबल का क्षेत्र है। बाघों का रुख कई बार चंबल की ओर हो जाता है और कई बार बाघ चंबल को पार करकेे एमपी की सीमा में पहुंच जाते हैं।
&हमने बाघ टी-47 व टी-42 के नजर नहीं आने के संबंध में रिपोर्ट भेजी थी। वहीं अब बाघों की खोज केे लिए मध्यप्रदेश वन विभाग का सहयोग लिया जा रहा है। इस संबंध में हमने एमपी के वनाaधिकारियों को एक पत्र लिखा है।
मनोज पाराशर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।
Published on:
24 Jun 2020 05:34 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
