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10 साल से बिस्तर पर था जयपुर का यह कलाकार, आमिर भेजते थे प्रतिमाह 30 हजार

आर्थिक संकट में थे लगान के ईश्वर काका, साथियों की मदद से चल रहा था परिवार

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jaipur

जयपुर। ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म 'लगान' के 'ईश्वर काका' यानी जैसलमेर मूल के अभिनेता श्रीवल्लभ व्यास का रविवार को जयपुर में निधन हो गया। वह पिछले 10 साल से लकवाग्रस्त थे और जयपुर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। आर्थिक तंगी के कारण इलाज के लिए वह जयपुर शिफ्ट हुए थे। इस दौरान सरकार से तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली लेकिन अभिनेता आमिर खान 30 हजार रुपए महीने भेज रहे थे।

व्यास ने 50 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में ग्रेजुएशन के बाद कई साल एनएसडी रेपेट्री को दिए। एक्टर यशपाल शर्मा ने उनके लिए एनएसडी साथियों को एकजुट किया। वह सदैव व्यास के साथ खड़े नजर आए। शर्मा जब भी जयपुर आते, सबसे पहले व्यास से मिलने जाते थे। पिछले 10 साल में प्रदेश सरकार ने व्यास की कोई मदद नहीं की। एेसे में सरकार की कला नीतियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

बाथरूम में गिरने से लगी थी चोट

व्यास के जयपुर के साथी रवि झांकल ने बताया कि अक्टूबर 2008 में व्यास गुजरात में भोजपुरी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तब बाथरूम में गिरने से सिर पर चोट आई थी। तब से वह बिस्तर पर थे। इसके बाद बॉलीवुड और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथियों ने उनकी हरसंभव मदद की। यहां तक कि पिछले आठ साल से आमिर खान हर महीने की पहली तारीख को 30 हजार रुपए भेजते रहे हैं। आमिर के निर्देशन में उनकी टीम व्यास के परिवार से लगातार सम्पर्क में रही है। व्यास को एनएसडी में बेस्ट रेपेट्री एक्टर्स में गिना जाता है।

अक्षय ने भेजे 6 लाख रुपए
व्यास की बीमारी और आर्थिक स्थिति का पता चलने पर अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने ड्राइवर के साथ 6 लाख रुपए का चैक उनके घर भेजा। अक्षय ने व्यास के साथ एक ही फिल्म में काम किया था। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथियों ने 25-30 लाख रुपए इकट्टा कर मदद की। इसके बूते ही व्यास की बड़ी बेटी शिवानी ने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया और छोटी बेटी रागिनी बारहवीं में पढ़ रही है।

थिएटर से फिल्मों का सफर

व्यास कॉलेज के दौर से ही थिएटर से जुड़ गए और कई रंगमंचीय प्रस्तुतियांं दीं। यह रुचि उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा तक ले गई। दूरदर्शन के फैलाव के शुरुआती दौर में व्यास ने 'काठ की गाड़ी' और 'बसंती' आदि में मुख्य पात्र निभाकर पहचान बनाई। उनकी यादगार फिल्मों में सरफरोश, माया मेमसाहब, वेलकम टु सज्जनपुर, बंटी और बबली, चांदनी बार आदि शामिल हैं।