31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शोभा रानी कुशवाह की कांग्रेस से बढ़ती नजदीकी से नाराज पूर्व विधायक ने छोड़ी पार्टी, पीसीसी चीफ डोटासरा को भेजा इस्तीफा

-धौलपुर से पूर्व विधायक सगीर अहमद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी से भी दिया इस्तीफा, बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाह और सगीर अहमद के बीच चल रही है लंबी सियासी अदावत

2 min read
Google source verification
sagir mla

sagir mla

जयपुर। धौलपुर से विधायक रहे चुके सगीर अहमद ने अचानक कांग्रेस पार्टी छोड़ने की घोषणा करके धौलपुर की सियासत में हलचल मचा दी है। सगीर अहमद ने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भेजा है, साथ ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

हालांकि सगीर अहमद ने अपने इस्तीफे की वजह पारिवारिक कारणों को बताया है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाह की कांग्रेस से बढ़ती नजदीकी से नाराज होकर सगीर अहमद ने अपना इस्तीफा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भेजा है। सगीर अहमद को धौलपुर में बड़ा अल्पसंख्यक चेहरा माना जाता था। सगीर अहमद साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

साल 2008 में बीजेपी के टिकट पर चुने गए थे विधायक
दरअसल सगीर अहमद को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बेहद करीबी माना जाता था। वसुंधरा राजे ने ही उन्हें साल 2008 में बीजेपी का टिकट दिया था, जिस पर सगीर अहमद धौलपुर से विधायक चुने गए थे। इसके बाद वर्ष 2013 में भी सगीर अहमद ने बीजेपी का टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन तब शोभा रानी के पति और पूर्व विधायक बीएल कुशवाह से सगीर अहमद चुनाव हार गए थे।

हालांकि तब बी एल कुशवाह को एक मामले में सजा होने के चलते उनका चुनाव रद्द हो गया था और उस पर उपचुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी ने सगीर अहमद का टिकट काटकर शोभा रानी को टिकट दे दिया था और शोभारानी विधायक चुन ली गई गई थी। यहीं से सगीर अहमद और बीजेपी के बीच नाराजगी बढ़ती चली गई थी।

हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सगीर अहमद को उस वक्त वक्फ विकास परिषद का चेयरमैन बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा देकर संतुष्ट करने का प्रयास भी किया था लेकिन बावजूद इसके, सगीर अहमद ने साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

राजनीतिक नियुक्तियों में भी एडजस्ट नहीं होने से थे नाराज
सूत्रों की माने तो धौलपुर से पूर्व विधायक सगीर अहमद को राजनीतिक नियुक्तियों में भी एडजस्ट किए जाने की उम्मीद थी लेकिन उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट नहीं किया गया, जिससे भी सगीर अहमद नाराज चल रहे थे। हालांकि उनके इस्तीफे की प्रमुख वजह शोभा रानी कुशवाहा की कांग्रेस से बढ़ती नजदीकी को ही माना जा रहा है।

कहा जा रहा है कि शोभारानी कुशवाह जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं। गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के चलते बीजेपी ने शोभा रानी कुशवाहा को निलंबित कर दिया था, जिस पर शोभारानी कुशवाह ने बीजेपी पर ही जमकर आरोप लगाए थे।

उसके बाद उन्हें पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया था। ऐसे में अब यही कहा जा रहा है कि शोभारानी कुशवाह संभवतः 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतर सकती हैं। इन्हीं संभावनाओं के चलते सगीर अहमद ने नाराज होकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।