
Former PM Manmohan Singh Passes Away: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे मनमोहन सिंह को सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन के साथ ही देश ने एक ऐसा नेता खो दिया, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा और मजबूती दी।
बता दें, 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान) के गाह में जन्मे मनमोहन सिंह ने अपनी पहचान एक राजनेता से अधिक एक कुशल अर्थशास्त्री के तौर पर बनाई। 1991 में भारत के आर्थिक संकट के दौरान वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने देश की दिवालिया होती अर्थव्यवस्था को न केवल संभाला बल्कि उदारीकरण की दिशा में ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाए, जिसने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर स्थापित किया।
बताते चलें कि मनमोहन सिंह का राजस्थान से खास संबंध रहा। अगस्त 2019 में वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए। यह सीट भाजपा सांसद मदनलाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई थी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने राजस्थान में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की नींव रखी। इनमें 2012 में दूदू से आधार आधारित सेवाओं की शुरुआत, 2013 में किशनगढ़ एयरपोर्ट और जयपुर मेट्रो फेज-1B की नींव शामिल हैं।
आधार सेवाओं की लॉन्चिंग: अक्टूबर 2012 में, उन्होंने दूदू से आधार सेवाओं को लॉन्च करते हुए इसे आम जनता की जीवनशैली में बदलाव का महत्वपूर्ण कदम बताया। मालूम हो कि आधार ने बैंकिंग, मोबाइल कनेक्शन और अन्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सरल बनाया।
किशनगढ़ एयरपोर्ट और जयपुर मेट्रो: सितंबर 2013 में उन्होंने किशनगढ़ एयरपोर्ट और जयपुर मेट्रो के फेज-1B का शिलान्यास किया। ये सभी प्रोजेक्ट्स राजस्थान के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में उनके योगदान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
1957 से 1965- चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापक बने।
1969 से 1971- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अन्तरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर रहे।
1976- दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मानद प्रोफेसर बने।
1982 से 1985- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे।
1985 से 1987- योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे।
1990 से 1991- प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार रहे।
1991- नरसिंहराव सरकार में वित्त मंत्री बने।
1991- पहली बार असम से राज्यसभा के सदस्य बने।
1996- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मानद प्रोफेसर बने।
1999- दक्षिण दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।
2001- तीसरी बार राज्यसभा सदस्य बने और सदन में कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता बने।
2004 से 2014- लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे।
2019-2024- राजस्थान से निर्विरोध राज्यसभा सांसद बने और अप्रैल 2024 तक उनका कार्यकाल रहा।
2006 में हुई बाईपास सर्जरी के बाद से मनमोहन सिंह का स्वास्थ्य लगातार खराब रहा। इसके बावजूद उन्होंने देश और समाज के लिए काम करना जारी रखा। उनके निधन के साथ भारत ने एक सच्चा अर्थशास्त्री, ईमानदार राजनेता और दूरदर्शी नेता खो दिया। उनके निधन के बाद देशभर से लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, सीएम भजनलाल शर्मा, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली, सतीश पूनिया सहित कई नेताओं ने शोक जताया है।
Published on:
27 Dec 2024 01:13 pm
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