
चार घंटे पतंग की रोक बचा सकती है वेजुबान की जान
वे वेजुबान है,उन्हें भी दर्द होता है। वह अपना दर्द किसी को बता भी नहीं सकते। हमारी तो सिर्फ यही गुजारिश है कि सुबह दो घंटे उनके घोसले से उड़ने के समय और शाम को घोसले में जाने के समय पर पतंग नहीं उड़ाए। इससे सैकड़ों पक्षी अपनी जान को बचा पाएंगे। यह कहना है डिजास्टर असिस्टेन्स एण्ड रेसक्यू टीम के पर्वतारोही दीपक शर्मा बैन्दिल का। दीपक ने मकर संक्राति पर पतंग की डोर से घायल पक्षियों के लिए ऑपरेशन बर्ड स्काई शुरु किया। घायल पक्षियों के लिए हेल्पलाइन पोस्टर का विमोचन भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बी.एल.सोनी ने किया। इस अवसर पर बात करते हुए डीजी बी.एल सोनी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुबह 7 बजे से 9 और शाम को 5 से 7 बजे तक पक्षियों के घर आने जाने का समय होता है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि पक्षियों के इस ट्रैफिक टाइम में पतंगबाजी ना करके पतंग की डोर से पक्षियों के जीवन की डोर ना काटे। संस्था के अध्यक्ष सुशील पारीक और महासचिव पर्वतारोही दीपक शर्मा ने बताया कि संस्था पिछले 15 साल से पक्षियों को बचाने का काम कर रही हैं। विमोचन के दौरान संस्था के प्रतिनिधि राकेश राठौड़, मकसूद खान, पूरण बैरवा मौजूद रहे। दीपक ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अगर कोई पक्षी घायल दिखाई देता है तो उन्हें हैल्पलाइन नम्बर दीपक टोंकफाटक 9829150044,गोपालपुरा मोड़ राकेश राठौड़ 9782310915 और राहुल गुप्ता खातीपुरा 9602881613 पर फोन कर सकते हैं। बात होते ही संस्था के प्रतिनिधि वहां पहुंचेंगे और घायल पक्षियों का इलाज करेंगे।
Updated on:
13 Jan 2022 01:36 pm
Published on:
13 Jan 2022 11:28 am
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