18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कचरा संग्रहण: हर मकान से लिया जाएगा यूजर चार्ज, सरकार ने नगरीय निकायों को चेताया

यूजर चार्ज लेने की अधिसूचना अप्रेल, 2019 में ही जारी हो गई थी और कचरा संग्रहण की व्यवस्था धरातल पर आए तीन से पांच वर्ष हो चुके हैं।

2 min read
Google source verification

भवनेश गुप्ता

प्रदेश के शहरों में बसी करीब दो करोड़ आबादी की 48 लाख प्रॉपर्टी से यूजर चार्ज लिया जाएगा। यह सालाना करीब 580 करोड़ रुपए होगा। राज्य सरकार ने सभी 305 नगरीय निकायों (शहरी सरकार) घर-घर कचरा संग्रहण के एवज में यह चार्ज लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसमें बढोतरी करने की छूट भी दे दी है। इसके लिए बढ़ती महंगाई का हवाला दिया है। इससे यूजर चार्ज में बढोतरी की आशंका भी बन गई है। स्वायत्त शासन विभाग के निर्देश पत्र के अनुसार ज्यादातर शहरों में घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है, लेकिन जयपुर समेत कुछ निकायों को छोड़कर कहीं भी यूजर चार्ज नहीं लिया जा रहा। इससे निकायों पर आर्थिक भार बढ़ रहा है। सरकार ने इस स्थिति पर गंभीरता जताई है। जबकि, यूजर चार्ज लेने की अधिसूचना अप्रेल, 2019 में ही जारी हो गई थी और कचरा संग्रहण की व्यवस्था धरातल पर आए तीन से पांच वर्ष हो चुके हैं।

मंत्री तक…राजनीतिक हस्तक्षेप मसला

कई निकाय यूजर चार्ज वसूलने का प्लान बनाते रहे हैं, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण इसे लागू नहीं कर पाए। स्थानीय राजनीति भी हावी रही है। बताया जा रहा है कि ऐसे कुछ निकायों ने स्वायत्त शासन मंत्री तक को स्थिति बताई। इसके बाद विभाग ने आदेश जारी किए।

यह भी पढ़ें : राजस्थान में 27 मार्च से सीधे अकाउंट में आएंगे 800 रुपए, विभाग ने तैयारियां की शुरू

विकास में होगा खर्च

यूजर चार्ज काफी पहले ही निर्धारित कर दिए थे, लेकिन निकाय नहीं ले रहे हैं। जहां घर-घर कचरा संग्रहण का काम चल रहा है, वहां यूजर चार्ज लेने के लिए कहा है ताकि निकायों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़े। जो शुल्क आएगा, उसका उपयोग डवलपमेंट और सफ़ाई कार्य में ही होगा।

-राजेश यादव, प्रमुख सचिव, स्वायत्त शासन विभाग

कारगर तभी, जब यह सुनिश्चित हो…

  1. प्रभावी तरीके से हो लागू : विषय विशेषज्ञों का कहना है कि देश के ज्यादातर राज्यों के बड़े शहरों में कचरा संग्रहण के लिए चार्ज लिया जा रहा है। लेकिन निकायों को सुनिश्चित करना होगा कि यह व्यवस्था प्रभावी तरीके से लागू हो। जयपुर व अन्य शहरों में यह व्यवस्था काफी पहले लागू की गई लेकिन ढंग से काम नहीं होने के कारण लोग नाराज रहे। इसी कारण अनुबंधित कंपनियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया।
  1. पैसा डवलपमेंट पर हो खर्च: अभी निकाय अपने स्तर पर अनुबंधित कंपनियों को भुगतान कर रहे हैं। सभी से यूजर चार्ज की राशि एकत्रित होती है तो उसका उपयोग डवलपमेंट कार्यों पर हो। इसके लिए अलग से अकाउंट बने। कई बार सरकारी समारोह-कार्यक्रम, संसाधनों, कर्मचारियों की सैलेरी के लिए उपयोग में ले लेते हैं।

यह भी पढ़ें : Rajasthan Diwas: सीएम भजनलाल ने महिलाओं को दी बड़ी सौगात, बटन दबाते ही खातों में 375 करोड़ ट्रांसफर

20 से 5000 रुपए तक है यूजर चार्ज

आवासीय प्रॉपर्टी में क्षेत्रफल के अनुसार 20-300 रुपए तक

दुकानों से 200-250 रुपए

गेस्ट हाउस, हॉस्टल 750 से 1000 रुपए

होटल, रेस्टोरेंट (कैटेगिरी अनुसार) 500 से 3000

ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, बैंक, सरकार कार्यालय 700 रुपए

निजी शिक्षण संस्थान, कोचिंग 1000 रुपए

क्लिनिक लैब, अस्पताल (कैटेगिरी अनुसार) 1000 से 4000 रुपए

विवाह स्थल, बैंक्वेट हॉल, प्रदर्शनी स्थल 2000 से 5000 रुपए

(शुल्क प्रतिमाह है)