
जयपुर . केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को जयपुर-अजमेर नेशनल हाइवे पर शुक्रवार सुबह हुए गैस टैंकर विस्फोट हादसे पर शोक संवेदना प्रकट करना भारी पड़ गया। सोशल मीडिया के आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स पर जारी तीन वाक्यों के शोक सन्देश पर रिएक्ट करते हुए लोग भड़के नज़र आए।
गडकरी की पोस्ट के कमेंट बॉक्स में लोगों ने खासतौर से एनएचएआई को लेकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। ज़्यादातर प्रतिक्रियाओं में जयपुर-अजमेर हाइवे की कमियों और लापरवाहियों को उजागर करते हुए एनएचएआई को ही हादसे का ज़िम्मेदार बताया गया।
एक यूज़र ने लिखा, ''रिंग रोड पर क्लोवर लीफ का नहीं बनना ही इस दुर्घटना का मुख्य कारण है। आपने रिंग रोड तो बना दी, लेकिन पिछले 3 वर्ष से भी ज़्यादा समय में आपने क्लोवर लीफ नहीं बनाई। इस कट पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। एनएचएआई बहुत ही असंवेदनशील है।
एक यूज़र ने लिखा, ''जयपुर में हुए इस भयानक हादसे के मुख्य दोषी एनएचएआई और भारत सरकार का केंद्रीय सड़क मार्ग मंत्रालय है। रिंग रोड की तरफ जाने वाले वाहन डीपीएस के आगे कट से यू-टर्न लेकर घूमते हैं, जिसकी वजह से अब तक कई हादसे हो गए हैं। यहां पिछले 5 साल से पुलिया का प्रस्ताव है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।''
एक यूज़र ने लिखा, ''मंत्री जी, क्या आपने मूल कारण को जानने की कभी कोशिश की? रोकथाम के लिए कभी उपाय किए? संवेदनाएँ प्रकट करने के लिए, प्रार्थना करने के लिए कैबिनेट मंत्री होना आवश्यक नहीं है, कोई भी कर सकता है। ऐसी दुर्घटनाएं पहली या आखिरी नहीं हैं, रोज़ कई बार कई जगह होती हैं।
एक यूज़र ने लिखा, ''माननीय मंत्री जी, आप इतनी लंबी-लंबी बातें करते हैं कि मैंने 3 माह में यह बना दिया, मेरा टर्न ओवर लाख करोड़ रुपयों में होता है, तो सर हमारे जयपुर में NH 48 पर जहां हादसा हुआ है वहां पुलिया बनने का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है, अगर वो काम आप समय पर कर देते तो आज यह हादसा नहीं होता।
एक यूज़र ने लिखा, ''इस जगह पर रोजाना सैकड़ों ट्रक यू टर्न लेते हैं, क्योंकि आपका मंत्रालय पिछले कई सालों में यहां क्लोवर लीफ कट तैयार नहीं कर पाया है। आपकी दिलचस्पी सिर्फ़ टोल वसूली में है और कोई जवाबदेही नहीं।
एक यूज़र ने लिखा, 'श्रीमान नितिन जी, मैं आपके काम की सराहना करता हूं, लेकिन निवेदन है कि बजाये नए प्रोजेक्ट्स के आप वर्त्तमान प्रोजेक्ट्स को पूरा करवाने पर ध्यान दें। प्रोजेक्ट्स में देरी ही ऐसी सड़क दुर्घटनाओं की वजह है।
एक यूज़र ने लिखा, ''नितिन जी, हिंदुस्तान में साइकिल और मोटरसाइकिल से लेकर ट्रकों और बसों को हाइवे-एक्सप्रेसवे पर चलने के नियम तक पता नहीं हैं। चलते-चलते कहीं से मर्जी हुई यू टर्न कर लिया, किनारे पर गाड़ी खड़ी कर दी, दाएं-बाएं लेन बदलते वक्त इंडिकेटर ना देना या फिर गलत दिशा में गाड़ी चलाते आना। इस पर ध्यान दीजिए श्रीमान।
एक यूज़र ने लिखा, ''आप को हाइवे के लिए अलग पुलिस की व्यवस्था करनी चाहिए, जो गाड़ियों की लाइट, स्पीड, शराब, ओवरवेट और रेगुलेशन और क़ानून की पालना सुनश्चित करे। वहीं सभी हाइवे को आरटीओ और जिला पुलिस के अधिकार क्षेत्र से अलग किया जाना चाहिए। इनके लिए अलग न्यायालय हो और हाइवे पर शराब ना बिके।
Updated on:
21 Dec 2024 11:42 am
Published on:
21 Dec 2024 11:31 am
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