
GB syndrome
जयपुर। गिलियन बैरे सिंड्रोम वायरस से मुंबई में पहली मौत हुई है। महाराष्ट्र में अब तक आठ मौतें हो गई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। राजस्थान में भी इस वायरस के केस सामने आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि यह बीमारी नई नहीं है। लेकिन गंदगी और अस्वच्छ खान-पान के कारण मामले बढ़ रहे हैं। राजस्थान में आ रहे केसों को लेकर अस्पताल प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
इस बीमारी का असर मुख्य रूप से नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। जिससे मरीज को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसी गंभीर परेशानियां होने लगती हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर डॉ. दिनेश खंडेलवाल ने बताया कि जीबीएस वायरस के फैलने की सबसे बड़ी वजह अस्वच्छ भोजन और पानी है। खासकर बाजार में खुले में मिलने वाली चाट-पकौड़ी, पानी-पुरी, ठंडी चटनी और दूषित पानी संक्रमण का मुख्य कारण बन सकते हैं।
कैसे खतरनाक बनती है यह बीमारी…
डॉ. दिनेश खंडेलवाल ने बताया कि जीबीएस एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। जब यह बैक्टीरिया शरीर में वेश करता है तो शरीर इसकी पहचान कर इससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है। लेकिन समस्या तब होती है जब शरीर की बनाई गई। एंटीबॉडी शरीर की नर्वस सिस्टम पर ही हमला करने लगती है। इस बैक्टीरिया के मॉलिक्यूल्स इंसान की नसों के मॉलिक्यूल्स से मिलते-जुलते होते हैं। जिससे शरीर की एंटीबॉडी इन्हें भी दुश्मन मानकर नष्ट करने लगती है। इस कारण नसों की कवरिंग डैमेज हो जाती है। जिससे उनमें करंट का प्रवाह कम होने लगता है। नतीजतन मरीज के हाथ-पैरों में कमजोरी, झुनझुनी और लकवे जैसे लक्षण उभरने लगते हैं।
जीबीएस के लक्षण क्या हैं…
कैसे फैलता है जीबीएस वायरस..
यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित भोजन, दूषित पानी और अस्वच्छता के कारण फैलता है। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है। उन्हें इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है। बाजार में खुले में मिलने वाले फास्ट फूड, गंदे पानी में बनी चटनियां और मिलावटी आइसक्रीम जैसी चीजें संक्रमण को बढ़ा सकती हैं।
बीमारी से कैसे बचा जा सकता है..
इनका कहना है….
जीबीएस पुराना वायरस है। गलत खान पान के कारण यह संक्रमण होता है। अस्पताल में लगातार मरीज आते है। जिनका इलाज किया जाता है।
डॉ सुशील भाटी
अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल, जयपुर
Published on:
12 Feb 2025 09:29 am
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