
Gender champions
जयपुर। छात्राओं के प्रति गरिमामय व सम्मानजनक व्यवहार करने के उददेश्य से प्रदेशभर के स्कूलों में जेण्डर चैंपियन्स बनाए जाएंगे। ये विद्यार्थियों को जेण्डर संवेदनशील तो बनाएंगे ही साथ ही उन्हें बाल अधिकारों के प्रति भी जाग्रत करेंगे। जेण्डर सोशियलाईजेशन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही विद्यार्थियों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से विद्यालयों में इस प्रकार के कार्य करने की लिए जेण्डर चैंपियन की परिकल्पना की गई है। ये भारतीय संविधान की धारा 15 के तहत दी गई समानता को बढ़ाने का भी कार्य करेंगे।
जेण्डर चैंपियन्स की योग्यता
प्रत्येक विद्यालय में जेण्डर चैंपियन्स का चयन किया जाना है। ये विद्यार्थी 16 वर्ष से अधिक आयु के हो सकते हैं। इसके लिए इन्हें पिछली कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे। साथ ही इनमें सामाजिक व सांस्कृतिक तथा जेण्डर मुददों की अच्छी समझ होनी चाहिए।
ये मिलेगी जिम्मेदारी
जेण्डर चैंपियन्स विद्यार्थियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे। जेण्डर संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए इन्हें अपने ग्रुप में वाद—विवाद व अन्य प्रतियोगिताएं भी करानी होंगी।
ये रहेगा चयन का आधार
जेण्डर चैंपियन्स का चयन उनकी बौदिधक क्षमता, निर्णय क्षमता व ईमानदारी जैसे गुणों को ध्यान में रखकर की जाएगी। इनका चयन एक वर्ष या संस्था प्रधान के निर्णयानुसार अधिक समय के लिए भी किया जा सकेगा। इन्हें विद्यालयों में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। हर तीन महीने में 25 तारीक तक इनकी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देनी होगी। जिला शिक्षा अधिकारी जिले की समेकित रिपोर्ट प्रत्येक माह की अंतिम तारीख तक निदेशालय को देंगे।
Published on:
21 May 2018 10:47 am
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