
गिग वर्कर्स की संख्या राजधानी में तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, जिस रफ्तार से गिग वर्कर्स की संख्या बढ़ रही है, उस लिहाज से पैसे नहीं मिल रहे। यही वजह है कि रोज 12 से 14 घंटे काम करने के बाद बस गुजर बसर हो रही है। क्विक कॉमर्स, फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स में सबसे अधिक गिग वर्कर्स कार्यरत हैं।
टीमलीज डिजिटल स्टॉफिग फर्म की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि देश में 97.6 प्रतिशत गिग कर्मचारी साल भर में 5 लाख रुपए से कम कमाते हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई गिग वर्कर्स सप्ताह में 100-100 घंटे काम करते हैं। इसके बाद भी उनको मेहनताना नहीं मिल पाता।
राजधानी जयपुर में भी हाल इससे इतर नहीं हैं। यहां भी ज्यादातर गिग वर्कर्स की आय डेढ़ से दो लाख के बीच ही रह गई है। बातचीत में कई गिग वर्कर्स ने स्वीकार किया कि जब इस काम में कदम रखा था तब रोज 800 से 1000 रुपए तक की बचत हो रही थी। अब यह बचत आधी हो गई है। जबकि, खर्चे बढ़ते जा रहे हैं।
क्विक कॉमर्स में दिख रहा फायदा
अभी क्विक कॉमर्स (10 से 15 मिनट में सामान पहुंचाना) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में यहां पर गिग वर्कर्स को फायदा हो रहा है। ये कम्पनियां गिग वर्कर्स को जोड़ने के लिए कमीशन के साथ-साथ पैसा भी दे रही हैं ताकि, अधिक से अधिक लोग जोड़े जा सकें। राजस्थान गिग एंड ऐप बेस्ड वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि अन्य प्लेटफॉर्म पर भी इसी तरह की व्यवस्था थी, लेकिन धीरे-धीरे इसे कम कर दिया और कुछ ने तो खत्म कर दिया।
रिपोर्ट का सच
-97.6 प्रतिशत गिग वर्कर्स एक वर्ष में 5 लाख रुपए से कम कमाते हैं
-77.6 प्रतिशत गिग वर्कर्स सालाना 2.5 लाख रुपए से कमा रहे हैं कम
-85 फीसदी गिग वर्कर्स अच्छी कमाई करने के लिए आठ घंटे से ज्यादा करते हैं काम
-21 प्रतिशत गिग कार्मिक 12 घंटे से अधिक करते हैं काम
ये हैं प्रमुख कारण
-कम्पनियों ने भुगतान पिछले कुछ वर्षों में कम किया है। साथ ही गिग वर्कर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
-पहले ऑर्डर पर कमीशन 35 रुपए मिलता था, जो अब घटकर 10 से 15 रुपए रह गया है।
रिपोर्ट बिल्कुल सही है। राजधानी में भी गिग वर्कर्स परेशान हैं। 15 घंटे तक काम करने के बाद दो से ढाई लाख रुपए सालाना तक कमा पा रहे हैं। जयपुर में चार लाख गिग वर्कर्स काम कर रहे हैं। कुछेक को छोड़ दें तो ज्यादातर परेशान हैं।
-आशीष सिंह, अध्यक्ष, राजस्थान गिग एंड ऐप बेस्ड वर्कर्स यूनियन
Published on:
15 Feb 2025 05:44 pm
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