
Nuclear Weapons Prohibition Treaty
शीत युद्ध के बाद पहली बार वैश्विकपरमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ सकता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) थिंक टैंक ने सोमवार को अपनी ईयरबुक 2022 के निष्कर्षों में यह चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण व यूक्रेन के लिए पश्चिमी समर्थन ने दुनिया के 9 परमाणु हथियारों से लैस देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
हथियारों, निशस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति पर थिंक टैंक ने कहा है कि जहां एक वर्ष में परमाणु हथियारों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है, वहीं परमाणु शक्तियों द्वारा तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती है तो हथियारों की वैश्विक सूची अगले दशक में पहली बार बढ़ना शुरू हो सकती है। परमाणु हथियार संपन्न 9 देशों अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया ने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करना जारी रखा है। भारत के पास पिछले साल के 156 की तुलना में 2022 में 160 परमाणु हथियार हो गए हैं।
चीन सबसे तेजी से बढ़ा रहा जखीरा
रूस-अमरीका के अलावा 7 देश नई हथियार प्रणाली विकसित, तैनात कर रहे हैं या इरादा जता चुके हैं। उपग्रह छवियों से संकेत मिला है कि चीन 300 से अधिक मिसाइल साइलो का निर्माण कर रहा है।
2022 में 375 तक कम हुई तादाद
सिपरी ने कहा कि जनवरी, 2022 में परमाणु हथियारों की वैश्विक संख्या 375 गिरकर 12,705 हो गई, जो जनवरी, 2021 में 13,080 थी। इनमें 3,732 हथियार मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात किए गए थे।
रूस और अमरीका सबसे आगे
यूक्रेन पर रूस के ‘विशेष सैन्य अभियान’ में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर रखा। रास्ते में खड़े देशों को ऐसे परिणामों की चेतावनी भी दी, जो ‘उन्होंने पूरे इतिहास में कभी नहीं देखे होंगे।’ रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार है। रूस और अमरीका के पास कुल वैश्विक परमाणु हथियारों का 90% से अधिक हिस्सा है।
Published on:
14 Jun 2022 11:24 am
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