
पुनीत शर्मा
राजस्थान में पर्यटन जयपुर, अजमेर, जोधपुर जैसे बड़े जिलों तक सिमट कर रह गया है। लिहाजा पर्यटन विभाग अब छोटे जिलों के अनदेखे पर्यटन स्थलों पर भी फोकस कर रहा है।
मकसद यह है कि ये जिले भी दुनिया के नक्शे पर टूरिज्म में पहचान बना सकें। इसके लिए विभाग ने वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन स्कीम के तहत जयपुर, अजमेर, जोधपुर, भरतपुर जिलों के साथ छोटे जिलों से भी एक-एक पर्यटन स्थल का चयन किया है। इन जिलों में पर्यटन स्थलों के विकास की योजना पर भी विभाग में शीर्ष स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे जिलों के पर्यटन स्थलों का विकास और प्रचार-प्रसार होने से वहां भी पर्यटक जाएंगे और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
छोटे जिलों में भी अनदेखे पर्यटन स्थल हैं जहां पर्यटक पहुंच ही नहीं रहे हैं। वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन स्कीम से नए पर्यटन स्थल देश-दुनिया के सामने आएंगे तो राजस्थान पर्यटन की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
बीते साल 31 दिसंबर तक राजस्थान में प्रमुख पर्यटन स्थलों पर स्थित स्मारकों पर 74 लाख से ज्यादा पर्यटक आए। इनमें से 80 प्रतिशत यानि 60 लाख पर्यटक अकेले जयपुर में आए। अन्य जिलों में केवल 14 लाख पर्यटक ही पहुंचे। कई जिले ऐसे थे जहां पूरे साल में 500 पर्यटक भी नहीं पहुंचे।
झुंझुनूं लोहार्गल धाम
जोधपुर मेहरानगढ़ पाली-रणकपुर टैंपल
बांसवाड़ा त्रिपुरा सुंदरी
डूंगरपुर बेणेश्वर धाम
उदयपुर फतेहसागर और पिछोला झील
सलूंबर जयसंमद झील
प्रतापगढ़ सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य
चित्तौड़गढ़ चित्तौड़ का किला
राजसमंद श्रीनाथ जी मंदिर
बूंदी रामगढ़ टाइगर रिजर्व
सीकर खाटूश्याम, हर्षनाथ भैरव मंदिर और जीणमाता मंदिर
Updated on:
05 Feb 2025 08:05 am
Published on:
05 Feb 2025 07:56 am
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