इस पर उसके पोतों ने दादी को कंधों पर कुर्सी पर बैठाकर सामोद बालाजी धाम की यात्रा करवाई। जानकारी के अनुसार फतेहपुरा बांसा निवासी पोते राजकुमार और रामावतार शर्मा ने दादी को दर्शनों के लिए कुर्सी को ही कावड़ बना ली। उन्होंने 96 वर्षीय दादी केसरी देवी (टोडा माई) को कंधे पर बैठाकर सामोद बालाजी के दर्शन करवाए। राजकुमार शर्मा ने बताया कि सामोद बालाजी मंदिर परिसर अरावली की पहाड़ी पर स्थित है।
दर्शनों के लिए करीब 1100 सीढियां चढ़ कर जाना पड़ता है। दोनों पोतों ने दादी को कुर्सी पर बैठा कर कंधों के सहारे 1100 सीढियां चढ़ाकर बालाजी के दर्शन करवाए। इससे पहले भी दोनों पोतों ने 3 बार दादी को कंधों पर बैठाकर बालाजी के दर्शन करवा चुके हैं। केसरी देवी ने बताया कि उनकी बालाजी के दर्शन करने की इच्छा हो रही थी। पोतों ने कंधों पर बैठाकर दर्शन करवाए हैं।