
जयपुर। राजस्थान में गुर्जर समाज एक बार फिर से आंदोलन के लिए जुट गया है। ओबीसी कोटे का वर्गीकरण करते हुए इसमें से ही गुर्जर, रायका, रैबारी, बंजरा और गाडिय़ा लुहार आदि जातियों को पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर समाज के लोगों ने 21 मई से पहले राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में आंदोलन की घोषणा की है। गर्जरों द्वारा 6 मई को एक बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी और इस बार का आंदोलन पहले से भी उग्र होगा।
आर-पार की होगी लड़ाई
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में बुधवार को एक हुई। जिसमें आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। बैंसला ने कहा कि सरकार को गुर्जर सहित अन्य जातियों को आरक्षण देना ही होगा। इस बार आर-पार की लड़ाई होगी।
पहले से अधिक उग्र होगा आंदोलन
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य शैलेन्द्र सिंह के अनुसार, छह मई को गुर्जर समाज की होने वाली आगामी बैठक में आंदोलन की पूरी रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि, इस बार होने वाला आंदोलन अब तक के आंदोलनों से बहुत उग्र होगा।
गुर्जर युवाओं को नहीं मिल रहा कोई फायदा
उन्होंने कहा कि सरकार की वर्तमान नीतियों के कारण गुर्जर समाज के युवाओं को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। एक दशक से भी अधिक समय से विभिन्न चरणों में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन में पुलिसकर्मियों सहित अब तक 81 लोग मारे जा चुके हैं।
सरकार ने मानी मांग तो अन्य जातियां होगी नाराज
गुर्जर समाज ओबीसी का वर्गीकरण करके ही पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। सरकार यदि यह मांग मानती है तो ओबीसी कोटे में शामिल अन्य जातियों के नाराज होने का डर है। इस कारण सरकार इस मांग को मानने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि गुर्जर सहित अन्य चार जातियों को खुश करने के लिए वसुंधरा सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही मोस्ट बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) में अलग से एक प्रतिशत आरक्षण दिया था। शेष चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ पहले की तरह ओबीसी कोटे में से जारी रखने की भी बात कही थी, लेकिन इससे भी गुर्जर समाज खुश नहीं है।
Published on:
03 May 2018 01:01 pm
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