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राजस्थान में गुर्जर बेरोज़गारों को अब ‘बैकडेट’ भर्तियों में एन्ट्री, चुनाव से पहले सरकार ने लागू किया ये ‘फार्मूला’

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kirodi lal gurjar with vasundhara

जयपुर।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर में विरोध की घोषणा के बाद सरकार आखिर गुर्जर समाज के सामने झुक गई। सोमवार रात में ही कार्मिक विभाग (डीओपी) से केबिनेट सचिवालय और वहां से मंत्रियों तक फाइल दौड़ी। इसके बाद देर रात केबिनेट ने सर्कुलेशन से 9 दिसम्बर 2016 से 20 दिसम्बर 2017 के बीच की भर्तियों में एमबीसी आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसकी आज्ञा मंगलवार को जारी होगी।

इससे पहले गुर्जर आरक्षण के मुद्दे को लेकर सरकार और गुर्जरों में दिनभर टकराव की स्थिति बनी रही। गुर्जरों ने एक प्रतिशत आरक्षण को लेकर सभी आदेश जारी करने के लिए सोमवार शाम तक का समय दिया था। सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी सफाई देने के लिए भी सामने आए और कहा कि कार्मिक विभाग ने भर्तियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में एमबीसी आरक्षण को लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट कर दी है।

इसके साथ दिसम्बर 2016 से 2017 के बीच निकली भर्तियों में एमबीसी का आरक्षण के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने एक्ट में संशोधन का निर्णय किया। इसका प्रस्ताव डीओपी से केबिनेट को भेजा गया। इसके कुछ घंटों बाद रात करीब साढ़े 11 बजे कैबिनेट ने सर्कुलेशन से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब इसकी औपचारिक रूप से आज्ञा जारी होना बाकी है।

यह है मामला
सरकार ने गुर्जर समाज पांच जातियों को एमबीसी के तहत 1 फीसदी आरक्षण दिया था। गुर्जर समाज इस आरक्षण को पिछली भर्तियों में भी लागू करवाना चाहता है। इसको लेकर गुर्जर नेताओं ने 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा के दौरान विरोध की चेतावनी दी थी। इस पर सरकार की ओर से रविवार को मंत्रिमंडलीय सब कमेटी ने गुर्जर नेताओं से वार्ता की थी।

19 मई को सरकार से हुए समझौते में 14 मांगे थी। अब सरकार ने इस मांग को केबिनेट से मंजूरी दिला दी है। अभी भी कुछ मांगें बाकी है। फिलहाल विरोध को लेकर समाज में बात करेंगे।
हिम्मत सिंह, प्रवक्ता, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति

एमबीसी को आरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: चतुर्वेदी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ अरूण चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य सरकार गुर्जरों से हुए समझौते के तहत अब तक देवनारायण योजना में 1000 करोड रूपए से ज्यादा व्यय कर चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अति पिछड़ा वर्ग (एम.बी.सी) को 50 फीसदी आरक्षण सीमा में एक फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

अम्बेडकर भवन में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हुई बातचीत का पत्रकार वार्ता में ब्यौरा देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है। इस बातचीत में पिछडा वर्ग को एक फीसदी आरक्षण देने के लिए कार्मिक विभाग ने स्पष्ट आदेश निकाल दिया है। जिससे अति पिछडा वर्ग के अभ्यथ्रियों को इस आदेश के तहत सामान्य पिछडा वर्ग और अति पिछडा वर्ग में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि 1252 नियुक्तियों को लेकर भी राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। इन नियुक्तियों में अति पिछडा वर्ग को एक फीसदी आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। विभिन्न विभागों में अटकी 102 नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार देने का आदेश दिया गया है।

चतुर्वेदी ने कहा कि इसके अलावा देवनारायण योजना के तहत 249 करोड रूपए की स्वीकृतियां जारी कर 10 आवासीय विद्यालयों के लिए आदेश निकाले जा चुके है एवं स्थानों का चयन किया जा रहा है।

उन्होने कहा कि इसके अलावा गुर्जर आरक्षण आंदोलन के तहत जिन गुर्जर व्यक्तियों पर मुकदमे दर्ज हुए थे, उन्हे भी कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस लिया जा रहा है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई है। गुर्जर समुदाय राजस्थान सरकार की तरफ से समझौते को लागू करने के प्रयासों से संतुष्ट है। सरकार का हमेशा प्रयास रहा है कि गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण मिले।