
हैंडीक्राफ्ट कारोबारी निराश, निर्यात मांग में छाई सुस्ती, रूस-यूक्रेन में तनाव से अनिश्चितता का माहौल
इन दिनों राजस्थान हैंडीक्राफ्ट की मांग में सुस्ती देखी जा रही है। हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में 11 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। इसकी मुख्य वजह इससे पहले वाले वर्ष में स्टॉक से अधिक माल एकत्रित होने और रूस-यूक्रेन में तनाव के कारण अनिश्चितता का माहौल होना मानी जा रही है। राजस्थान हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फोरम को-ऑर्डीनेटर नवनीत झालानी का कहना है कि कोविड की मार से उबरने के कारण वर्ष 2021-22 के दौरान विदेशी खरीदारों ने भारतीय हैंडीक्राफ्ट की भारी मात्रा में खरीद करने से इनका निर्यात 30 फीसदी बढ़ा था। वर्ष 2021-22 में बड़ी मात्रा में खरीद के कारण वर्ष 2022-23 के दौरान उनके पास काफी स्टॉक मौजूद रहा। इसलिए आयातकों ने वर्ष 2022-23 में जरूरत के हिसाब से ही हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीदे। लिहाजा भारतीय हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में करीब 11 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा वर्ष 2022-23 के दौरान रूस-यूक्रेन के बीच तनाव से अनिश्चितता के माहौल में आर्थिक हालात बिगड़ने का डर सताता रहा। इससे भी आयातक बड़ी मात्रा में हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीदने से परहेज करते रहे।
राजस्थान से 6205 करोड़ रुपए का हस्तशिल्प निर्यात
लकड़ी, संगमरमर, चमड़ा, धातु, तांबा आदि जैसे हस्तशिल्प के लिए प्रचुर मात्रा में कच्चा माल होने और उत्पादन में बढ़ते रुझान के कारण राजस्थान ने 6205 करोड़ की हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात किया है। इसके अलावा, वित्त वर्ष के दौरान राज्य से 4067 करोड़ रुपए के रत्न और आभूषण, 5729.29 करोड़ रुपए के वस्त्र, 1764 करोड़ रुपए के रेडीमेड वस्त्र और 465 करोड़ रुपए के कालीन/दारी का निर्यात किया गया। निर्यात के लिए प्रमुख हस्तकला निर्यात गंतव्य अमेरिका, ब्रिटेन, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (एलएसी), ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और स्विट्जरलैंड हैं।
Published on:
08 May 2023 11:06 am
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