
Jaipur City News : ओटीएस चौराहे को ट्रैफिक सिग्नल फ्री बनाने की कवायद को बड़ा झटका लगा है। शहर का पहला हैंगिंग ब्रिज प्रोजेक्ट अटक गया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जेडीए ने हाथ खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि, मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआइटी) ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए हैं।
ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल (ओटीएस) परिसर से कुछ जमीन की इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरत है। मौके पर उक्त जमीन पर निर्माण हो चुके हैं और वहां जमीन मिलना भी संभव नहीं है। जेडीए अधीषण अभियंता सुनील शुक्ला ने कहा कि एनएनआइटी की रिपोर्ट और ओटीएस परिसर में जमीन न मिलने की वजह से प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है। अब इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है।
ओटीएस चौराहे पर लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने के लिए जेडीए ने वर्ष 2015 में प्लान तैयार किया था। इसमें पांच विकल्प सुझाए गए थे, नौ वर्ष में एक भी प्लान पर अमल नहीं किया जा सका। इन प्रोजेक्ट्स की लागत अधिकतम 88 करोड़ रुपए थी। वहीं, हैंगिंग ब्रिज और एक अंडरपास बनाने के प्लान का खर्चा 184 करोड़ रुपए हो गया।
जब प्रोजेक्ट धरातल पर आना ही नहीं था तो इसका प्लान जेडीए ने क्यों बनाया। प्रोजेक्ट के लिए जमीन ही नहीं थी तो फिर जेडीए के अधिकारी चुप क्यों रहे?
● उक्त प्रोजेक्ट की लागत 184 करोड़ रुपए तय की गई थी। इसके लिए बाकायदा जेडीए ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट और उसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई।
● यहां हैंगिंग ब्रिज के साथ सौंदर्यकरण के भी काम प्रस्तावित थे। इसमें अंडरग्राउंड आर्ट गैलरी, मूर्तियां लगाने से लेकर फाउंटेन और ट्रैफिक आइलैंड को शामिल किया गया था।
● यह प्रोजेक्ट जेडीए को एक वर्ष में पूरा करना था, लेकिन मौके पर काम ही शुरू नहीं हुआ। जेडीए ने इसका कार्यादेश भी जारी कर दिया था। उस पर गौर करें तो छह जनवरी, 2023 को काम शुरू करना था और पांच जनवरी, 2024 को इसे पूरा करना था।
जेडीए जब तक चौराहे पर यातायात सुधार का प्रयास नहीं करेगा, तब तक वाहन चालक पीक ऑवर्स मेे परेशान होते रहेंगे। इस चौराहे पर सुबह नौ से 11 बजे और शाम को छह से साढ़े आठ बजे तक निकलना मुश्किल हो जाता है।
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Published on:
26 Apr 2024 02:03 pm
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