सांसद ने पूर्ववती सरकार द्वारा साम्भर झील के क्षेत्र में एक निजी कंपनी को रिसोर्ट आवंटित करने व 400 बीघा से अधिक जमीन पर हुए अतिक्रमण को भी पक्षी त्रासदी का कारण बताया साथ ही उन्होंने इस मामले में केंद्र को दखल अंदाजी करने तथा उच्च स्तरीय जांच करके रेस्क्यू में जिम्मेदार दोषियो के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। साथ ही राजस्थान में प्राकृतिक आपदा व ओलावृष्टि से हुए नुकसान की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में मानव हानि सहित जो भी नुकसान होता है उससे राजस्थान राज्य आपदा प्रबंधन से मिलने वाली राशि से एक तिहाई नुकसान की भरपाई ही नहीं हो पाती। उन्होंने हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा केंद्र को आपदा कोष की मांग के लिए प्रेषित 2646 करोड़ की राशि जारी करने की भी मांग की। साथ ही कहा कि वर्तमान में जो नियम फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए बने हुए है। उनमें बदलाव करके खेत के खसरे को इकाई मानकर मुवावजा दिया जाए और विभिन्न आपदाएं जो राष्ट्रीय आपदा कोष की श्रेणी में नही है उन्हें सम्मिलित किया जाये।
चिटफंड संसोधन विधेयक 2019 पर बोले बेनीवाल
बेनीवाल ने लोकसभा में पेश किए गए चिटफंड संसोधन विधेयक 2019 की चर्चा पर बोलते हुए कहा कि देश में ऐसे कानून की बहुत जरूरत थी, मगर आजादी के दशकों बाद कांग्रेस सरकार ने इस बात की चिंता नहीं की। जिसके चलते शारदा चिटफंड, आदर्श कोऑपरेटिव, नवजीवन कोऑपरेटिव, पीएसीएल जैसी कंपनीयों ने गरीबों के करोड़ो रूपए हड़प लिए। मगर अब ऐसे कानून से देश को नई उम्मीद जगी और निश्चित तौर बड़ा बदलाव देश मे होगा।