11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

HBD Madan Dilawar: दिलावर क्यों कर रहे दिन में एक बार भोजन? जानें बजरंग दल से शिक्षामंत्री तक का सफर

अपने बयानों से चर्चा में बने रहने वाले राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन दिलावर का आज जन्मदिवस है।

2 min read
Google source verification

अपने बयानों से चर्चा में बने रहने वाले राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन दिलावर का आज जन्मदिवस है। अहमदाबाद से थोक रेट पर साड़ियां खरीदकर उसे कोटा के बाजारों में बेचने वाले दिलावर ने बजरंग दल की कोटा इकाई के अध्यक्ष बन राजनीति की शुरूआत की। उन्होंने अपना पहला राजस्थान विधानसभा चुनाव बारां-अटरू की आरक्षित सीट से जीता और इस जीत को तीन बार 1993, 1998 और 2003 में बरकरार रखा।

राजस्थान के पूर्वी और दक्षिणपूर्वी हिस्सों में स्थित हाड़ौती क्षेत्र में बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा शामिल हैं। कभी बूंदी साम्राज्य का हिस्सा माने जाने वाले इस क्षेत्र में वर्तमान में 17 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से पिछले नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं।

यह भी पढ़ें : पति की लाश सीवर टैंक में पटकी, फिर पूरी रात बॉयफ्रेंड संग सोई पत्नी; मर्डर का ऐसे हुआ खुलासा

2008 में पहली बार बने विधायक

कभी इस क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर कोटा जो कभी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों का गढ़ था। हालांकि, उनके घटते प्रभाव और 1960 के दशक से इस क्षेत्र में संघ के काम ने इसे संघ के किले में बदला। 1959 में बारां के एक गरीब दलित परिवार में जन्मे दिलावर 1978 में आरएसएस में शामिल हुए और बजरंग दल की कोटा इकाई के अध्यक्ष बने।

2008 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने के 18 साल बाद दिलावर बारां-अटरू में कांग्रेस के पानाचंद मेघवाल से 16,000 से अधिक वोटों के अंतर से हार गए। जिसके बाद उन्होंने 2013 में उन्होंने रामगंज मंडी से चुनाव लड़ा और जीता। तब से उन्होंने यह सीट बरकरार रखी है।

यह भी पढ़ें : गहलोत के बेटे को लेकर डिप्टी CM का बड़ा बयान, बोले- ‘गहलोत का बेटा हो या और कोई…’

बजरंग दल से की राजनीति की शुरूआत

दिलावर के चार दशक लंबे राजनीतिक करियर की शुरुआत थी। हिंदुत्व संगठनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर भैरों सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे और अब भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकारों में मंत्री रहते हुए, 64-वर्षीय दलित नेता और राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र से छह बार विधायक दिलावर ने एक लंबा सफर तय किया है।

मदन दिलावर 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल हुए। उस समय शिक्षा मंत्री दिलावर ने राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने तक माला न पहनने का संकल्प लिया था। उसी साल उन्होंने अपना पहला राजस्थान विधानसभा चुनाव बारां-अटरू की आरक्षित सीट से जीता था।

मदन दिलावर ने अब जब तक भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक दिन में एक ही बार भोजन करने की कसम खाई है। मदन दिलावर ने पहले भी राम मंदिर और धारा-370 को लेकर कसम खाई थी। दिलावर पूर्व मुख्यमंत्रियों भैरों सिंह शेखावत (1993-1998) और वसुंधरा राजे (2003-2008) सरकार में मंत्री रहे। इस बार भजनलाल शर्मा सरकार में भी शिक्षामंत्री के पद पर काबिज है।

यह भी पढ़ें : ‘रविंद्र भाटी नौजवान, उन्होंने चुनाव ताकत से लड़ा’ सचिन पायलट ने बताया बाड़मेर में कौन जीत रहा?