
गहलोत के गद्दार वाले बयान पर हरीश चौधरी बोले, शब्दों की गरिमा रखनी चाहिए
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए गद्दार जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसे लेकर पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा है कि शब्दों की गरिमा रखनी चाहिए। इससे ही हमारी पहचान है। चौधरी ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता में कहा कि मैंन तीन दफा का सीएम नहीं, तीन दफा का कैबिनेट मंत्री और तीन दफा का प्रदेशाध्यक्ष नहीं हूं। लेकिन हमने कभी भ्रम भ्रांति में शब्दों का गलत प्रयोग नहीं किया। कई नेता शब्दों का प्रयोग करते हैं तो हम उन्हें कहते हैं गलत है। इस तरह के शब्दों का प्रयोग किसी को अच्छा नहीं लगता है।
राजस्थान में शब्दों की गरिमा रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुभव का आकलन करें तो मेरा इतना अनुभव नहीं है। वो 102 एमएलए के संरक्षक हैं। उन्हें एडवाइज नहीं देनी चाहिए उनसे एडवाइज लेनी चहिए। इसके बावजूद मेरे परिवार के बुजुर्ग और संरक्षक से निवेदन करना पड़ रहा हैं कि आप शब्दों का अच्छा प्रयोग करो क्योंकि यह राजस्थान है। केसी वेणुगोपाल ने एडवाइजरी जारी कर रखी है। बड़े से बड़ा चाहे कोई पद पर हो। उसे एडवाइजरी की पालना करनी चाहिए। मेरा व्यक्तिगत मानना है ये गलत है।
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हर पद पर बैठा नेता एडवाइजरी से बंधा है
उन्होंने कहा कि गद्दार या कुछ भी कहा गया है। हम सब केसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी एडवाइजरी से बंधे हैं। चाहे किसी भी पद पर हों। हर किसी को इस एडवाइजरी के अंदर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा आ रही है। हमारा दायित्व बनता है कि कोई भी मुद्दा, बात या विवाद हो उसे नजरन्दाज करें और यात्रा में सामूहिक तौर पर भाग लें।
सीएम ने जाति के आधार पर भ्रांति फैलाई
ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने पर चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत सहित पूरी कैबिनेट को धन्यवाद दिया, लेकिन कुछ नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सीएम ने जाति के आधार पर भ्रांति फैलाई। राजपूत-जाट का भ्रम फैलाया गया। हमने आंदोलन में जाति का उल्लेख नहीं किया। ओबीसी में किसी जाति को अलग नहीं किया। उसके बावजूद यह बात करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। भूतपूर्व सैनिकों के मामले में भ्रांति फैलाई गई। उन्होंने कहा कि 8 नवम्बर को कैबिनेट की बैठक हुई लेकीन यह मुद्दा डेफेर हो गया। किसी ने विरोध किया लेकिन उसे सार्वजनिक किस मंशा से किया गया।
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हमें विवादों में बांटा गया
उन्होंने कहा कि राजस्थान में हक और हित के लिए फैसला होता है तो दूसरा पक्ष विवाद में नहीं बांटा जाता। लेकिन हमें विवादों में बांटा गया। कोशिश की गई आपस में किसी भी तरह डिविजन करवाया गया। लेकिन तहेदिल से धन्यवाद देता हूं कि सभी ने मिलकर संघर्ष किया।
Published on:
25 Nov 2022 05:07 pm
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