
Medicine Safety: जयपुर। मौसमी बीमारियों से बचाव और रोकथाम के लिए प्रदेशभर में अब स्वास्थ्य विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है। शनिवार से आशा, एएनएम और सीएचओ घर-घर सर्वे कर आमजन को जागरूक करेंगे। इस दौरान लोगों को बताया जाएगा कि किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा संस्थान पहुंचकर चिकित्सक से परामर्श लें और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन बिल्कुल न करें।
स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का संचालन प्रभावी तरीके से किया जाए, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाए कि दवाएं केवल चिकित्सक की सलाह पर ही मरीजों को दी जाएं। हाल ही में बिना परामर्श खांसी की दवा सेवन करने से बच्चों पर दुष्प्रभाव देखने के मामले सामने आए हैं, जिसे उन्होंने गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं होने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
राठौड़ ने कहा कि बारिश का दौर थमने के बाद खांसी, जुकाम और बुखार जैसे मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, ऐसे में सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा और उपचार की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। चिकित्सकों को निर्देश दिया गया कि बच्चों और वयस्कों के लिए दवा लिखते समय प्रोटोकॉल का पालन करें और परिजनों को खुराक की पूरी जानकारी दें। वहीं, फार्मासिस्ट को बिना पर्ची दवा न देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने कहा कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को डेक्सट्रोमोरफन युक्त दवा बिल्कुल न दी जाए और लोगों को घर में रखी दवाओं का बिना परामर्श उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जाए। दवा के सेवन से सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, दौरे या बेहोशी जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल या हेल्पलाइन 104/108 अथवा राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 0141-2225624 पर संपर्क करने के निर्देश दिए गए।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने चिकित्सकों से कहा कि ओपीडी और आईपीडी में मरीज को दवा लिखते समय खुराक स्पष्ट लिखें और रोगियों व परिजनों को दवा की मात्रा और संभावित दुष्प्रभावों की जानकारी अवश्य दें।
Published on:
03 Oct 2025 09:54 pm
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