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Health Awareness: ग्रीष्मकालीन मिलावट विरोधी अभियान 19 अप्रेल से, हर एफएसओ को 60 नमूने लेने का लक्ष्य

Food Inspection: इस अभियान के दौरान 6000 नमूने लिए जाएंगे। साथ ही ऐसी निर्माण इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो मानदंडों का उल्लंघन कर खाद्य सामग्री का निर्माण कर रही है या मिलावटी खाद्य पदार्थ बनाती हैं।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Apr 18, 2025

Food Safety

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Food Safety: जयपुर। राजस्थान सरकार एक बार फिर आमजन को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय हो गई है। 19 अप्रेल से शुरू हो रहे ग्रीष्मकालीन मिलावट विरोधी अभियान के जरिए अब मिलावटखोरों पर सीधा प्रहार किया जाएगा। यह अभियान 5 मई तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य गर्मी के मौसम में अधिक खपत होने वाले खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करना है।

इस बार अभियान में पहले से कहीं अधिक सख्ती देखने को मिलेगी। खाद्य सुरक्षा आयुक्त एच. गुईटे ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान को पूरी पारदर्शिता और निगरानी के साथ अंजाम दिया जाएगा। राज्य के हर खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) को 60 नमूने लेने का लक्ष्य दिया गया है। यानी अकेले इस अभियान में 6000 से ज्यादा खाद्य नमूनों की जांच की जाएगी।


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"डेयरी, मिठाई और ठंडे पेयों पर खास नजर, अब नहीं चलेगी मिलावट"

विशेष बात यह है कि इस बार खाद्य निर्माण इकाइयों पर पहले दिन से ही निगरानी रखी जाएगी। मिठाई, आइसक्रीम, डेयरी उत्पाद, शीतल पेय, बर्फ और फलों जैसी गर्मी में अधिक प्रयोग होने वाली सामग्रियों पर विशेष फोकस रहेगा। खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय इस अभियान की प्रगति पर रोजाना नजर रखेगा और किसी भी तरह की लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

निरामय राजस्थान की दिशा में बड़ा कदम

सरकार की इस पहल को 'निरामय राजस्थान' की ओर एक ठोस कदम माना जा रहा है। केवल नमूने लेना ही नहीं, बल्कि मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि यह अभियान दो चरणों में चलेगा। पहले चरण में निर्माण इकाइयों को कवर किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में थोक विक्रेताओं और सप्लायर्स को भी इस दायरे में लाया जाएगा।

इस पूरे अभियान से न केवल उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ेगा, बल्कि मिलावट करने वालों को भी स्पष्ट संदेश जाएगा कि अब लापरवाही नहीं चलेगी। राज्य सरकार का यह कदम न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा, बल्कि लंबे समय में खाद्य गुणवत्ता सुधार की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।

अब देखना यह है कि यह अभियान कितना असरदार होता है और क्या सच में राजस्थान की रसोई मिलावटमुक्त हो पाएगी।

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